कोहिनूर एक ऐसा बेशकीमती हीरा, जिसके कद्रदान पूरी दुनिया में हैं। जिस पर सिर्फ हिंदुस्तान का हक है, लेकिन वो फिलहाल ब्रिटेन के शाही खानदान के पास है। अब उस मशहूर कोहिनूर हीरे के भारत में आने की उम्मीद जगने लगी है। भारतीय उद्योगपतियों और अभिनेताओं की एक लॉबी कोहिनूर हीरा भारत वापस करने की मांग करते हुए महारानी एलिजाबेथ को कानूनी चुनौती देने की तैयारी कर रही है।
नवंबर में होने वाले पीएम मोदी के ब्रिटेन दौरे के पहले ही भारतीय उद्योगपतियों और अभिनेताओं की एक लॉबी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को कानूनी चुनौती देने की तैयारी में है। करीब 800 साल पहले 105 कैरेट का यह हीरा भारत के खदान से निकला था और अंग्रेजों के राज के दौरान इसे तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को भेंट में दिया गया। फिलहाल यह एलिजाबेथ की मां के मुकुट में सजा हुआ है और लोगों के देखने के लिए टावर ऑफ लंदन में रखा गया है।
भारतीय समूह ‘टिटोज’ के सह-संस्थापक डेविड डीसूजा इस नई कानूनी कार्रवाई में वित्तिय मदद कर रहे हैं और उन्होंने ब्रिटिश वकीलों को हाईकोर्ट में सुनवाई की कार्रवाई शुरू करने को कहा है। लंबे अर्से से कोहीनूर हीरा भारत को लौटाने की मांग उठ रही है। ब्रिटिश भारतीय सांसद कीथ वाज भी भारत की इस मांग का पहले ही खुलकर समर्थन कर चुके हैं।
मोदी का नवंबर में ब्रिटेन का दौरा होना है। इस दौरान वह महारानी विक्टोरिया की ओर से बकिंघम पैलेस में आयोजित दोपहर के भोजन में भी शामिल होंगे। ऐसे में अगर कोहीनूर के भारत लौटने का रास्ता साफ हो पाया तो ये भारत के लिए बहुत बड़ी जीत होगी।
इससे पहले भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के भारत दौरे के दौरान भी ये मांग उठी थी, लेकिन कैमरन ने करोड़ों हिंदुस्तानियों की बरसों पुरानी मांग को ठुकराते हुए कोहिनूर हीरे को लौटाने से साफ इनकार कर दिया था।
ऐसा पहली बार है कि कोहिनूर हीरा वापस लाने के लिए सीधे कानूनी चुनौती देने की तैयारी चल रही है। महारानी के मुकुट में लगे इस हीरे की चमक हिंदुस्तान के दिल में नश्तर की तरह सालों से चुभती आ रही है। देशवासियों को इस बात का इंतजार है कि कब यह हीरा अपने भारत को वापस मिलेगा।