शुरू हो चुका है सावन माह, इस प्रकार करें भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न

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वर्ष 2018 का सावन माह शुरू हो चुका है। सावन माह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। असल में यह माह प्रत्येक प्रकृति प्रेमी को पसंद होता ही है। इस मौसम में चारों और हरियाली होती है और प्रकृति अपने अपूर्व सौंदर्य को सभी दिशाओं में फैलाये रहती है। सावन के माह बारिश भी काफी होती है। इस कारण से प्रदूषित वातावरण तथा धरती भी शुद्ध हो चुके होते हैं। भगवान शिव खुद प्रकृति के करीब रहने वाले बताये गए हैं। यही कारण है की यह माह प्रत्येक प्रकृति प्रेमी का पसंदीदा होता है। इस माह में भगवान शिव की उपासना प्रत्येक दिन की जाती है तथा प्रत्येक सोमवार को विशेष पूजा की जाती है। इसी कारण सोमवार के दिन मंदिरों में भीड़ लगी होती है। आइये अब आपको बताते हैं सावन के इस माह में कितने सोमवार पड़ेंगे।

इस सावन माह में होंगे 4 सोमवार –

इस सावन माह में होंगे 4 सोमवारImage source:

वैसे तो 27 जुलाई से सावन की शुरू हो चुकी है। लेकिन इस बार उदया तिथि में इस माह का पहला दिन 28 तारीख को पड़ रहा है। यही कारण है की सावन की वास्तविक शुरुआत 28 तारीख से ही मानी जा रही है। अगले माह 26 अगस्त का दिन सावन माह का आखरी दिन है। अतः आखरी सोमवार 20 अगस्त को पड़ेगा। इस प्रकार इस माह में 4 सोमवार पड़ रहें हैं। इस माह पड़ने वाले सोमवार 30 जुलाई 2018, 6 अगस्त 2018, 13 अगस्त 2018, 20 अगस्त 2018 को पड़ेंगे।

इन चीजों को अर्पित करने से पूरी होंगी ये इच्छाएं –

इन चीजों को अर्पित करने से पूरी होंगी ये इच्छाएंImage source:

सावन माह भगवान शिव का प्रिय माह कहा जाता है। इस माह में शिव उपासना करने से मानव की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में यहां बता रहें हैं। जिनको यदि आप शिव पूजन के समय भगवान शिव को अर्पित करेंगे तो आपकी समस्त इच्छाएं पूरी होंगी। आइये जानते हैं की भगवान शिव को कौन कौन सी चीजें अर्पित करने से कौन कौन सी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

1 – धतूरे के पुष्प अर्पित करने से पुत्र प्राप्ति।

2 – आंकड़े के पुष्प अर्पित करने से लंबी आयु।

3 – बिल्व पत्र यानि बेल पत्र अर्पित करने से किसी भी इच्छा की पूर्ति।

4 – जवाकुसुम के पुष्प अर्पित करने से शत्रुनाश होता है।

5 – वेला के पुष्प अर्पित करने से सुयोग्य पत्नी प्राप्त होती है।

6 – हरसिंगार के पुष्प अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

 7 – दुपाहरिया के पुष्प अर्पित करने से सोना चांदी तथा बहुमूल्य धातुएं मिलती हैं। इसी प्रकार से आक तथा शमी का के पत्र तथा फूल अर्पित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां हम आपको यह भी बता दें की शिव पूजन में केवड़ा, तुलसी तथा चंपा के फूल नहीं चढ़ाये जाते हैं। भूलकर भी ये फूल शिव पूजन में न उपयोग करें।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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