आरक्षण को मुद्दा बना कर पटेल आरक्षण की अगुवाई कर रहे युवा नेता हार्दिक पटेल की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। गुजरात पुलिस ने हार्दिक पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर दर्ज करने के लिए आधार बनाया गया है हार्दिक पटेल की सहयोगियों के साथ की गई टेलफोनिक बातचीत को, जिसमें हार्दिक अपने सहयोगियों को उकसा रहे हैं। चर्चा तो ये भी है कि पुलिस ने तकरीबन 40 कॉल रिकॉर्ड किए हैं और की गई बातचीत का एक टेप जारी किया है। इस मामले में पटेल समाज के युवा नेता हार्दिक पटेल और उनके पांच अन्य साथियों के खिलाफ बातचीत के आधार पर राष्ट्रद्रोह के गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
27 पेज की एफआईआर में कहा गया है कि हार्दिक पटेल ने अपने समाज के लोगों को गुजरात सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की अपील की है और हिंसक तरीके अपनाने के लिए उकसाया है। चर्चा तो ये भी है कि 25 अगस्त को अहमदाबाद में हुई पाटीदार समाज की रैली से पहले वाली बातचीत में एक घंटे के भीतर पूरा गुजरात जला देने की बात कही गई थी। पुलिस ने जिस बातचीत को आधार बना कर एफआईआर दर्ज की है उसके ज्यादातर हिस्से गुजराती भाषा में हैं। पुलिस की मानें तो हार्दिक पटेल ने ट्रेनों में आग लगाने की कोशिश से लेकर बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने की बात बार-बार कही है। सूत्र तो यह भी कह रहे हैं कि हार्दिक अपने साथियों से कह रहे हैं, अगर हमें शिवाजी, भगत सिंह और सरदार पटेल जैसा बनना है तो हम में विधानसभा में बम रखने की हिम्मत भी होनी चाहिए। बातचीत में हार्दिक पटेल 18 अक्टूबर को राजकोट वनडे की शाम को अपने सहयोगियों से खाली बोतलें फेंकने और टायरों में आग लगाकर सभी हाइवे पर व्यवधान उत्पन्न करने की बात कही है।