हिंदूयों के साथ सैकड़ो मुस्लिम लोगों ने अयोध्या की पंचकोशी परिक्रमा कर भाईचारे और सांप्रदायिक मित्रता की मिसाल कायम की हैं। परिक्रमा के दौरान मुस्लिम लोगों के हाथ में भगवा झंडे और तिरंगे थे, जिसको देख कर हर व्यक्ति ने इन मुस्लिम लोगों के जज्बे को सराहा। आपको बता दें कि यह परिक्रमा मुस्लिम मित्र मंच के तत्वाधान में आयोजित की गई थी।
मुस्लिम मित्र मंच के शरद पाठक तथा बबलू खान के नेतृत्व में यह परिक्रमा शुरू की गई। हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए की जा रही इस परिक्रमा का द्रश्य रोमांचक अनुभूति कराने वाला था। परिक्रमा के दौरान सारे रास्ते जय श्रीराम तथा हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के नारे लगते रहें।
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मुस्लिम मित्र मंच के बबलू खान ने इस परिक्रमा के बारे में कहा कि “यह परिक्रमा इसी उद्देश्य के साथ शुरू की गई हैं कि सारे देश में हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश जाए। अयोध्या में मंदिर-मस्जिद के विवाद पर राजनीति करने वाले दल इस मामले से दूर रहें। अयोध्या श्रीराम का जन्म स्थान हैं क्योंकि इस स्थान पर ही उनका जन्म हुआ था। इसीलिए इसी स्थान पर उनका मंदिर बनना चाहिए। हम सभी मुस्लिम भाई यही सन्देश सारे भारत में प्रसारित कर रहें हैं कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले पर राजनीति ख़त्म होनी चाहिए तथा देश में मुस्लिम तथा हिंदू कौम के मध्य भाईचारा बना रहना चाहिए।”
आपको बता दें कि इस पंचकोशी यात्रा में मुस्लिम समुदाय के सैकड़ो लोग शामिल हुए। इस यात्रा के दौरान एक और मुस्लिमों ने जहां जय श्रीराम के नारे लगाए, वहीं हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी कायम की। आज जहां कुछ लोग हिंदूओं तथा मुस्लिमानो के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहें हैं वहीं यह यात्रा उन लोगों की मानसिकता पर पानी फेरती नजर आती हैं।