आज के समय में सभी लोग अपने जीवन को जीने में व्यस्त हैं और किसी को भी पृथ्वी की चिंता नहीं है, हाल ही में आई एक रिसर्च के अनुसार जल्द ही पृथ्वी से इंसान का नामोनिशां मिट जाएगा। हो सकता है यह खबर आपको कुछ अटपटी लगे, पर असल में यह एक वैज्ञानिक रिसर्च से पता लगा सत्य है, जिसको झुठलाया नहीं जा सकता है। आपको हम जानकारी के लिए बता दें कि एक पत्रिका में आई एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इस बात को स्वीकार किया है कि पृथ्वी एक बड़े विनाश की ओर गतिशील है। यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा विनाश होगा। वैज्ञानिक कहते हैं कि इसका सबसे व्यापक प्रभाव मानव जाति पर पड़ेगा। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस छठे सबसे बड़े विनाश का प्रारंभ होने की शुरूआत हो चुकी है। अपनी इस बात को पुख्ता करते हुए वैज्ञानिक कहते हैं कि पहले की अपेक्षा वर्तमान में जानवरों की प्रजातियां 100 गुना तेजी से विलुप्त होने लगी हैं।
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आपको हम बता दें कि हमारी पृथ्वी आज से पहले 5 सबसे बड़े विनाश देख चुकी है। इस क्रम में सबसे अंतिम विनाश आज से 6.6 करोड़ वर्ष पहले हुआ था, जब डायनासोर पृथ्वी से गायब हो गए थे। वैज्ञानिक पॉल एहरलिच ने भी इस बात को स्वीकार किया है। वे कहते हैं कि हम लोग छठे सबसे बड़े विनाश की ओर बढ़ रहें हैं। वैज्ञानिकों ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि हम जिस विनाश की ओर हैं उसका सबसे ज्यादा असर मानव जाति पर पड़ेगा। इसके मुख्य अध्ययनकर्त्ता वैज्ञानिक जेरारडो सेबाल्लोस ने इस बारे में कहा है कि यदि हम लोग समय रहते सावधान नहीं हुए तब दोबारा से जीवन का निर्माण होने में लाखों वर्ष लग जाएंगे और मानव जाती का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। वैज्ञानिक मानते हैं अब पृथ्वी पर जीवन का स्तर उस केंद्र पर आ पहुंचा है जब डायनासोर पृथ्वी से गायब हो गए थे। कुछ वैज्ञानिक ऐसे भी हैं जिन्होंने इस रिसर्च रिपोर्ट पर अपने सवाल खड़े किए हैं। इन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह रिपोर्ट पूर्वानुमान पर आधारित है।