समलैंगिकता के मामले आजकल भारत देश में भी काफी देखने को मिलते हैं। दिल्ली के डॉक्टर्स आजकल इस प्रयोग में लगे हुए है कि किस तरह से समलैंगिकता का इलाज किया जाए। हाल में समलैंगिकता के इलाज के लिए डॉक्टर्स ने यह बताया कि वह इलेक्ट्रिक शॉक और हॉर्मोन थेरेपी का इस्तेमाल कर रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक समलैंगिकता एक ऐसी बीमारी है, जो कि बाइपोलर डिसऑर्डर और सिजोफ्रेनिया की तरह होता है। जिसका इलाज संभव हो गया है। एक अंग्रेजी अखबार ने इसका खुलासा किया है।
हालांकि कुछ विश्व एजेंसियों ने समलैंगिकता को मानव कामुकता का बदलाव माना है। इस अंग्रेजी अखबार ने डॉक्टरों के कारनामे का भंडाफोड़ किया और इस बात का दावा किया है कि उनके पास डॉक्टर्स से बातचीत के ऑडियो विजुअल भी रिकॉर्ड हैं।
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इस थेरेपी के तहत डॉक्टर्स समलैंगिकों को इलेक्ट्रिक शॉक, टेस्टोटेरॉन को बढ़ाने का नुस्खा जैसी कई प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे समलैंगिकों में चिंता, आत्महत्या और अवसाद का डर बना रहता है। दिल्ली के पूर्वी उत्तमनगर इलाके में डॉक्टर दिलबाग के नाम का एक क्लीनिक है, जो कि 2100 रुपए में समलैंगिकता के इलाज का दावा करता है। भारत और विदेशों के मेडिकल संस्थाओं ने कथित थेरेपी को अपराधिक करार किया है।