हिंदू और मुस्लिम लोगों को एक दूसरे की मदद करते देख समाज के लोगों में एक अलग ही भाईचारे का उदय होता है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने है। जिसमें कुछ हिंदू लोगों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की मदद कर उसको गंभीर अवस्था में अस्पताल में दाखिल करा उसके इलाज का बंदोबस्त किया। यह मामला छत्तीसगढ़ के विलासपुर से सामने आया है। इस वर्ष की ईद को अख्तरी बेगम तथा उनके पति अजमत खान शायद ही भूल पाएं।
असल में अख्तरी बेगम की कमर की हड्डी में फ्रेक्चर आ गया था। जिसके बाद वे चलने फिरने से लाचार हो चुकी थीं। इसके बाद उनको हार्ट अटैक भी आ गया। ऐसे में अख्तरी बेगम के पास एक हिंदू युवक पहुंचा तथा उनके जीवन में एक नई आस को जगाया। इस युवक का नाम था “रविंद्र सिंह”, इनको इनके मित्र फ़िरोज़ ने इस मुस्लिम परिवार के बारे में बताया था। इसके बाद रविंद्र सिंह इस मुस्लिम परिवार की तलाश करने के लिए रतनपुर चले आए।
कुछ समय पूछताछ करने के बाद वे इस परिवार के पास पहुंच गए। यह परिवार एक फार्म हाउस में झोपड़ी बनाकर रहता था। इस परिवार में कोई बच्चा नहीं था इसलिए परिवार में बीमार अख्तरी बेगम की देखभाल करने वाला भी कोई नहीं था। इस अवस्था में एक व्यक्ति ने इस कपल को रहने के लिए अपनी कुछ जमीन दे दी थी और ये लोग उसी जमीन पर झोपड़ी बनाकर जीवन गुजार रहें थे।
हिंदू युवक ने कराया अस्पताल में दाखिल –
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अख्तरी बेगम के इलाज के लिए रविंद्र सिंह ने लोगों से मदद मांगी तथा उनको मेकाहारा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वर्तमान में अख्तरी बेगम अस्पताल में भर्ती हैं तथा उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर का कहना है कि अगले हफ्ते अख्तरी बेगम की एंजियोप्लास्टी की जायेगी। इसके बाद उनकी हालत में बड़ा सुधार हो जायेगा। अख्तरी बेगम के इलाज के लिए अब संजीवनी राहत कोष से भी मदद दी जा रही है। अभी अख्तरी भले ही पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हैं परंतु उनके पति अजमत खान की जुबान उनकी पत्नी का इलाज कराने वालों के लिए दुआएं देती नहीं थक रही है।
रविंद्र सिंह का कहना है कि “किसी का भी छोटा सा प्रयास किसी अन्य का जीवन बचा सकता है। अख्तरी बेगम की कमर की समस्या भले ही दूर न हो सके लेकिन एंजियोप्लास्टी की मदद से उनका जीवन जरूर बच सकता है।” इस प्रकार रविंद्र सिंह तथा उनकी टीम ने मिलकर एक मुस्लिम महिला का जीवन बचाने में अपना योगदान दिया है और इसी कारण बड़ी संख्या में लोग उनको दुआएं दे रहें हैं।