सांपों का भोजन के रूप में प्रयोग करने वाले बहुत से देशों के बारे में आपने सुना होगा। यहां तक कि लगभग हर देश की सेना को सांपों को पकड़कर मारकर खाने की ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वो किसी भी परिस्थिति में भूखे नहीं मरें। लेकिन हम यहां आपको एक ऐसी जगह से वाकिफ करा रहे हैं जहां ज़हरीले कोबरा सांपों का खून पीने का अनोखा चलन है। जी हां, ये दुनिया की इकलौती जगह हैं जहां के लोग कोबरा के खून को चाय, कॉफी, सूप की तरह पीते हैं। यह जगह है इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता।
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जानकारी के लिए बता दें कि इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के लोगों का मानना है कि कोबरा का खून सूप की तरह पीने से सेहत काफ़ी अच्छी हो जाती है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसलिए जकार्ता में कोबरा का खून जहां लोग अपने सेहत को दुरुस्त करने के लिए पीते हैं, वहीं यहां की महिलाएं अपनी त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए इसे पीती हैं। उनका ऐसा मानना है कि कोबरा का खून पीने से त्वचा चमकदार होती है। जकार्ता के ज्यादातर क्षेत्रों में कोबरा का खून बेचा जाता है और लोग शाम को टहलते समय इसे स्वाद लेकर पीते हैं।
यहां के लोग कोबरा के खून से बने इस सूप को काफी पसंद करते हैं। इसलिए यहां पर इस सूप की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। खून की बढ़ती डिमांड को देखते हुए दुकानदार रोजाना हजारों सांपों को काट देते हैं। ये दुकानें शाम 5 बजे खुलती हैं और रात 1 बजे बंद हो जाती हैं। कोबरा का खून पीने के 3 – 4 घंटे बाद तक चाय, कॉफी नहीं पीने की सलाह दी जाती है, ताकि खून आपके शरीर में अपना काम कर सकें।
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कोबरा गोल्ड ट्रेनिंग–
कोबरा गोल्ड ट्रेनिंग की शुरूआत 1982 में हुई। यह ट्रेनिंग अमेरिका और थाईलैंड आर्मी मिलकर थाईलैंड के जंगलों में कराते हैं। हालांकि इसमें और भी कई देशों के सैनिक भाग लेते हैं।
यह एक तरह की स्पेशल आर्मी ट्रेनिंग होती है, जो कि सेना के जवानों को दी जाती है। इसमें सेना के जवानों को कोबरा सांप को पकड़कर उसका खून पीने की ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वो किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में प्यासे न मर सकें। सेना के जवानों को कभी भी कहीं पर भी लड़ने के लिए या आपदा प्रबंधन के लिए जाना पड़ सकता है। जहां पर उन्हें बद से बदतर हालातों में रहना पड़ता है। कभी-कभी वो ऐसी जगह पर फंस जाते हैं जहां उन्हें पीने को पानी तथा खाने को खाना तक नसीब नहीं होता है। ऐसे सभी हालातों से सैनिकों को परिचित कराने तथा वहां ज़िंदा रहने के तरीके सिखाने के लिए सभी देशों के द्वारा अपने सैनिकों को ट्रेनिंग कराई जाती है।