जापान के एक कस्बे जिसका नाम नगानो है, वहां पर एक ऐसा मंदिर है जहां पर देश-विदेश से आए हजारो लोगों के सामने उस मंदिर में आग लगा दी गई। क्या आप इसके पीछे का कारण जानना चाहते हैं कि आखिर क्यों इस मंदिर में आग लगा दी गई? दरअसल यह एक परंपरा है, जहां पर हर साल एक विशेष समय में मंदिर को आग के हवाले कर दिया जाता है और देखते ही देखते यह पूरा मंदिर आग में जल जाता है। यह परंपरा काफी वर्षों से चली आ रही है।
हर साल की तरह ही इस बार भी लकड़ी के इस मंदिर को गांव के सभी नौजवान पकड़ कर खड़े होते हैं। वहीं मंदिर के ऊपर 42 साल के पुरुष खड़े होते हैं। इन सभी पर मंदिर को आग से बचाने की जिम्मेदारी होती है। एक ओर जहां गांववाले मंदिर को जलाने का प्रयास करते हैं, वहीं दूसरी तरह नौजवानों को इस जलती आग को बुझाना होता है।
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अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि एक तरफ तो मंदिर को जलाया जाता है, और वहीं दूसरी तरफ से मंदिर को बचाया जाता है? तो हम आपको बता दें कि यह वहां की एक ऐसी परंपरा है, या यूं कहें कि ऐसा त्योहार है, जो कि काफी अच्छी तरीके से मनाया जाता है। यहां के लोगों का मानना है कि इससे मंदिर को आग से बचाने वाली आत्माओं को काफी इज्जत और सम्मान मिलता है। इस त्योहार को हर साल नए साल की शुरुआत के दौरान मनाया जाता है। कड़के की इस ठंड में पहले नौजवान इस मंदिर को अच्छी तरह से बनाते हैं और फिर इसे आग लगा दी जाती है और नौजवानों के जोश को देखा जाता है कि वह किस कदर मंदिर को बचाने के लिए प्रयास करते हैं।