दुनिया में ऐसी कई बीमारियां है,जो काफी दुर्लभ होने के कारण इलाज रहित है। ऐसी ही बीमारिया बाद में नासूर बन जाती है। जिन्हें देखकर और इनके बारे में सुनकर बड़ी ही हैरानी होती है। ऐसी ही एक दुर्लभ बीमारी के साथ जी रहा है 16 साल का लड़का मिथुन चौहान, जिसकी जिंदगी की हर खुशिया उसके अंदर ही कैद होकर रह गई है। आज इस बीमारी के चलते ना ही उसका कोई दोस्त है और ना ही वो अन्य बच्चों की तरह स्कूल जा सकता है। लोग उसे मिथुन नाम से कम ‘भुतहा लड़का’ के नाम से ज्यादा जानते है।
बताया जाता है कि मिथुन को Neurofribroma नामक ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसमें पूरे शरीर पर गांठे होती है, इसके इलाज के लिए ऐसी कोई भी दवा नहीं बनी है कि जिससे इस बीमारी को कम किया जा सके। इस बीमारी का ऑपरेशन भी नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ऑपरेशन करने पर शरीर से खून के रिसाव होने का खतरा बढ़ सकता है। यह बालक बड़ी ही खतरनाक और दर्दभरी बीमारी से जूझ रहा है।
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नावादा के रहने वाले इस बच्चे ने आज तक स्कूल का मुंह तक नहीं देखा है। अपनी बीमारी के चलते वो पूरे दिन घर पर ही रहता है। उसके पूरे शरीर पर बड़ी बड़ी गांठे पड़ गई है, जिससे उसका चेहरा बड़ा ही विकृत सा दिखाई देता है। इसके चलते उसे खाने-पीने के समय काफी दिक्कत होती है। इस बीमारी से परेशान मिथुन भी भगवान को दोषी मानने लगा है।
मिथुन के पिता का कहना है,कि मिथुन की यह बीमारी एक स्थानीय डॉक्टर के द्वारा दी गई दवा के बाद से शुरू हुई थी। ‘मिथुन जब 5 साल का था, तब उसे काफी तेज बुखार आने के बाद पास ही डॉक्टर के पास उपचार के ले जाया गया और उनके द्वारा दी गई दवा के बाद ही मिथुन के शरीर पर गांठे पड़ने लगी। जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल गई। मिथुन के पिता की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उसकी इलाज नहीं कराया जा सका। Neurobroma नामक बीमारी से 33,000 में से कोई एक व्यक्ति ही प्रभावित होता है और इस बीमारी के इलाज में 3-4 लाख तक का खर्चा आता है।