देखा जाए तो दाल को लेकर पूरे देश में अच्छी- ख़ासी जंग छिड़ी हुई है। दाल को लेकर सरकार पर तरह तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं। वैसे तो पूरे देश से दाल की क़ीमत के ही बढ़ने की ख़बरें आ रही हैं। यहां तक की दाल को लेकर सरकारों को गिराने-बनाने के दावे किए जा रहे हैं। वहीं झारखंड सभी दाल प्रेमियों को अपने दाल-भात प्रोग्राम से अपनी और खींचता नजर आ रहा है।
Image Source: http://ichef-1.bbci.co.uk/
झारखंड से आ रही यह ख़बर सुकून देती है। झारखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के तहत यदि आपकी जेब में पांच रुपये हैं, तो आप यहां दाल-भात के साथ-साथ आलू-चने या सोयाबीन की सब्जी भी बोनस के तौर पर पा सकते हैं। शायद इन्हीं वजहों से एक संस्था के तौर पर राज्य की साख बनी हुई है।
मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इस योजना की शुरुआत सन् 2011 में कराई थी। उस समय राज्य में ऐसे 100 केन्द्र खोले गए थे।
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इसके लिए सरकार रियायती दर पर चावल उपलब्ध कराती है। फ़िलहाल झारखंड के 24 जिलों में 400 दाल-भात केन्द्र चलाए जा रहे हैं।
यहां सिर्फ़ 5 रुपये में 200 ग्राम दाल-भात और सब्जी दी जाती है। इसमें दाल लेना अनिवार्य है क्योंकि दाल का नाम इस योजना के नाम के साथ जुड़ा हुआ है।
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करीव 12 लाख लोग रोज ही इन केन्द्रों पर दाल-भात खाते हैं |