कपिल देव और ए.आर.रहमान को जन्मदिन की बधाई

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देश के दो अनमोल रत्न, जिनकी तारीफ में जितना कहा और सुना जाए कम लगता है। एक जिन्होंने क्रिकेट में देश को पहला विश्व कप दिया और दूसरे जिन्होंने ऑस्कर सम्मान जीत कर देश का गौरव बढ़ाया l देश की ऐसी दो महान शख्सियत कपिल देव और ए. आर. रहमान को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।
मजबूत कद काठी के ऑलराउंडर कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान दी है। वहीं, अपने सुरों से दुनियाभर के लोगों को सुकून देने वाले महान संगीतकार ए.आर.रहमान आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। ए.आर.रहमान, जो ना तो हिन्दी जानते हैं और ना ही चीनी भाषा को समझते हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने सभी भाषाओं में संगीत देकर यह साबित कर दिया कि संगीत की कोई भाषा नहीं होती। यह तो दिल से निकली आवाज होती है, जिसे दिल से ही सुना जाता है।

Kapil-DevImage Source: http://aajkikhabar.com/

चंडीगढ़ में 6 जनवरी 1959 को जन्मा ये लाल कपिल रामलाल निखंज देव, जिन्हें लोग अब कपिल देव के नाम से जानते हैं। उन्होने ना सिर्फ अपने ऑलराउंडर खेल से सबका दिल जीता, बल्कि अपने करियर के आखिर तक वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। साल 1979 में कपिल देव ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 विकेट और पाकिस्तान के खिलाफ सीरिज में 32 विकेट लेकर दुनिया के सामने अपना दमखम साबित कर दिया। महज 21 साल की उम्र में कपिल देव 1000 रन और 100 टेस्ट विकेट लेने वाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बने थे।

वैसे भारतीय क्रिकेट में कपिल देव के योगदान की लिस्ट काफी लंबी है। उनको साल 2002 में विस्डन इंडिया क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। साल 1989-80 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार, साल 1982 में पद्मश्री पुरस्कार, साल 1983 में क्रिकेटर ऑफ द ईयर और 1991 में पद्मविभूषण जैसे पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। आपको शायद पता ना हो तो बता दें कि 24 सितंबर 2008 में कपिल के योगदान को देखते हुए उन्हें भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का दर्जा भी दिया गया।

वहीं, आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश के लिए सबसे बड़ा सम्मान ऑस्कर जीतने वाले संगीत के जादूगर ए.आर.रहमान ने अपनी स्कूल शिक्षा भी पूरी नहीं की है।

ar rhmanImage Source: http://mtvstat.in.com/

छह जनवरी 1967 को तमिलनाडु में जन्मे रहमान का रुझान बचपन से ही संगीत में था। असल में वह हिन्दू हैं और बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म का कुबूला था। मणिरत्नम ने उनको फिल्म रोजा में पहला ब्रेक दिया था। तभी तो मणिरत्नम के बारे में कहा जाता है कि सिर्फ वही हैं जो रहमान से अपनी मर्जी से कभी भी मिल सकते हैं।

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