कमर्शियल व्हीकल तय लोड से अधिक सामान लेकर न चलें इसलिए सरकार ने ओवरलोडेड गाड़ीयों पर लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बढती टैक्स की चोरी और सङ़क पर पड़ने वाले भार से सड़को को नुकसान पहुंचता है। इसलिए सभी टोल प्लाजा से पहले सड़क पर ऐसा सिस्टम लगाया जाएगा जो चलती गाड़ियों का वजन तोल लेगा। जब ये जानकारी टोल प्लाजा के कर्मचारियों को मिल जाएगी तो ओवरलोडेड गाड़ियों को न सिर्फ खाली करवाया जाएगा, बल्कि ट्रांसपोटर्स से टोल दर से 10 गुणा ज्यादा कीमत वसूली जाएगी।
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वजन तौलने के सिस्टम को वे-इन-मोशन कहा जाता है। इसमें हाइवे की सड़क पर ऐसा इक्वीपमेंट लगाया जाता है, जिसके ऊपर से गाड़ी गुजरते ही गाड़ी का कुल लोड कंप्यूटर पर पता चल जाता है। इसे एक सॉफ्टवेयर के जरिए रिकॉर्ड किया जाएगा, जो थोङ़ी दूरी पर बनें टोल प्लाजा को गाड़ी के वजन की जानकारी दे देगा।
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इस बारे में इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के संयोजक एसपी सिंह ने बताया कि यह सिस्टम कई देशों में अपनाया जा रहा है। इसे अपनाने की बड़ी वजह यह है कि गाड़ियां खासकर कमर्शियल व्हीकल तय लोड से अधिक सामान लेकर न चलें। ओवरलोडेड गाड़ियों की वजह से एक्सीडेंट भी होते हैं। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के भी आदेश हैं कि सड़क पर ओवरलोडेड व्हीकल न चलें। यही वजह है कि सरकार इस आटोमैटिक सिस्टम को अपनाने जा रही है। हालांकि सरकार को यह काम काफी पहले ही करना चाहिए था। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक ये केवल ओवरलोडिंग रोकने में ही मदद नहीं करेगा, इससे इकट्ठा किए रिकॉर्ड रिसर्च में भी मददगार साबित होंगे।