कभी लोगों को महंगाई के आंसू रुलाने वाली प्याज आज किसानों को रुलाने का काम कर रही है। आलम यह है कि आज के वक्त में कोई इसे पूछने वाला तक नहीं है। अब आप जरूर सोच रहे होंगे कि प्याज तो 20-25 रुपये किलो तक मिल रही है फिर कहां पर प्याज के दाम इतने सस्ते हो गये हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के रतलाम की। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां पर प्याज 20 पैसे प्रति किलो से लेकर 80 पैसे प्रति किलो के हिसाब से मिल रही है।
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ऐसे में आप ये अच्छी तरह समझ सकते हैं कि इस प्याज को आज के वक्त में यहां पर कोई पूछ भी नहीं रहा है। यहां के किसानों के हालात इतने बदतर हो गये हैं कि किसान विरोध में फ्री प्याज बांटने का काम कर रहे हैं। वह प्याज की लगातार गिरती कीमतों से खासा परेशान हैं। किसानों का आरोप है कि उन्हें प्याज की खेती करने में एक किलो प्याज पर 5-7 रुपये की लागत आती है, जबकि मंडी में इसका भाव 50-60 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रहा है। वहीं सरकार भी इस मामले पर मौन धारण किए बैठी है। किसानों ने मुफ्त में प्याज बांटकर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार अब भी उनकी समस्या की और ध्यान नहीं देती है तो वह ऐसे ही प्याज को मुफ्त में बांटकर विरोध जताते रहेंगे।
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आपको भी अच्छे से पता होगा कि देश के बाकी हिस्सों में प्याज के अलग-अलग भाव हैं। दिल्ली, मुंबई, पटना में जहां प्याज 20-25 रुपये किलो मिल रही है, वहीं भोपाल और लखनऊ में इसका रेट 8-15 रुपये किलो के बीच है। ऐसे में मध्यप्रदेश के रतलाम के किसानों को प्याज का आखिर इतना कम रेट क्यों मिल रहा है? एक तरफ तो जहां प्याज के महंगा होने पर उसकी कमी को देखते हुए सरकार प्याज के उत्पादन और उसकी पैदावार को बढ़ाने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित करने का काम करी थी, वहीं दूसरी ओर अब प्याज के बंपर उत्पादन होने से किसानों को उसकी सही कीमत दिलाने के नाम पर मौन क्यों बैठी है। वहीं दूसरी ओर अगर इस मामले को देखा जाए कि प्याज की बंपर पैदावार होने की वजह से कारोबारी अगर प्याज नहीं ले रहे हैं और पैदावार सच में ज्यादा हुई है तो इसकी कीमतों का असर बाकी देश के दूसरे हिस्सों पर क्यों नहीं पड़ा। वहां पर प्याज अभी भी इतनी महंगी क्यों है।