देश के मानचित्र को गलत तरीके से दिखाने वालों पर अब शामत आने वाली है। इसलिए जो देश के नक्शे को बनाने का काम करते हैं उन्हें सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि केंद्र सरकार ने एक ऐसा बिल तैयार किया है जिसके तहत देश के मैप को गलत दिखाने वालों पर 100 करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही सात साल की जेल भी हो सकती है। हाल में हुई कुछ घटनाओं को देखते हुए सरकार ने यह कड़ा कदम उठाया है।
आपको बता दें कि अभी हाल ही में कुछ सोशल साइट्स ने जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान और अरुणाचल प्रदेश को चीन का पार्ट दिखाया था। वहीं ट्विटर ने भी कश्मीर की भौगोलिक स्थिति को चीन में दिखा दिया था और जम्मू को पाक का हिस्सा बताया था। जिसके बाद सरकार ने इस पर काफी कड़ा रुख अपनाया और इसका जबरदस्त विरोध किया। इन सब के बाद ट्विटर ने अपनी इस गलती को सुधार लिया।
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वहीं जान लें कि द जियोस्पाशियल इन्फॉर्मेशन रेगुलेशन बिल 2016 का ड्राफ्ट ये कहता है कि ”कोई भी व्यक्ति सैटेलाइट, एयरक्राफ्ट्स, एयरशिप्स, बैलून, ड्रोन या किसी भी तरह के व्हीकल के जरिए एरियल या स्पेस व्यू के साथ भारत के किसी हिस्से की जियोस्पाशियल इमेज हासिल नहीं कर सकेगा। मैप्स के लिए इस तरह की इन्फॉर्मेशन हासिल करने और उसे साइट्स या ऐप्स के जरिए दिखाने के लिए अथॉरिटी से लाइसेंस की जरूरत होगी।” यानी कि अब इस बिल में ये कहा गया है कि कोई भी कंपनियां और एजेंसियां अब सरकार की बिना अनुमित के देश के मैप को ऑनलाइन नहीं दिखा सकेंगी।
वहीं अगर कोई कंपनी या एजेंसी बिना लाइसेंस के ऐसा करते पाई जाती है तो उसके ऊपर व देश का गलत नक्शा दिखाने वालों पर सात साल की जेल के अलावा 100 करोड़ का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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इसके अलावा आपको बता दें कि सरकार देश की भौगोलिक स्थिति से जुड़ी जानकारी के लिए एक सिक्योरिटी जांच अथॉरिटी बनाने की भी योजना बना रही है। जिसमें एक तय वक्त के अंदर नियमों के मुताबिक सुरक्षा जांच की जा सकेगी। इस अथॉरिटी में जॉइंट सिक्योरिटी रैंक के लिए भारत सरकार का ही कोई ऑफिसर होगा। इसके अलावा इसमें दो सदस्य भी होंगे। जिसमें से एक टेक्निकल एक्सपर्ट और दूसरा नेशनल सिक्योरिटी एक्सपर्ट होगा।