आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे बच्चे की सच्ची कहानी जो लगतार 12 साल अपने घर से नहीं निकल पाया और यदि कोई उससे मिलने आ भी जाता था तो वह अपना मुंह किसी अन्य चीज से छिपा लेता था। बाहर के लोगों के तानों से बचाने के लिए इस लड़के की मां उसको घर ही रखती थी, ऐसा लगने लगा था कि अब उन मां बेटे को अपनी सारी जिंदगी यूं ही गुजारनी पड़ेगी पर तब ही एक डॉक्टर इस बच्चे के जीवन में मसीहा बनकर आया और उसके बाद जो हुआ उसने इस बच्चे को सारी दुनिया में चर्चित कर दिया।
Image Source:
यह एक ऐसे बच्चे की कहानी है जो कि 12 साल से लगातार बिना नाक के जी रहा था। असल में एक डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने के कारण इस बच्चे की नाक की मांसपेशिया गल कर खत्म हो गई थी, इस प्रकार से यह बच्चा बिना नाक के ही जी रहा था। वर्तमान में अब इस नाक के कारण ही इस बच्चे का नाम दुनिया में मशहूर हो गया है। असल में डॉक्टर ने अब इस बच्चे को एक नई नाक लगा दी है। जिसके कारण अब यह बच्चा अन्य लोगों के जैसा सामान्य दिखने लगा है और सुन्दर भी। डॉक्टर ने 1 साल तक चले इस बच्चे के इलाज के दौरान 3 सर्जरी की और इस बच्चे के माथे पर एक नई नाक उगा कर, उसको नाक के असल स्थान पर ट्रांसप्लांट कर दिया। अब यह बच्चा स्वस्थ है और सही से सांस भी ले रहा है।
Image Source:
इस बच्चे का नाम है अरुण पटेल और यह बच्चा उज्जैन के बड़नगर के खड़ेतिया गांव का रहने वाला है और इस बच्चे को नाक लगाने वाले डॉक्टर का नाम है अविनाश दास, जो की इंदौर के रहने वाले हैं। डॉक्टर दास ने यह कमाल प्री-फेब्रिकेटेड फोरहेड फ्लैप रायनोप्लास्टी सर्जरी के जरिये कर के दिखाया है। डॉक्टर दास ने 1 साल के इलाज में 3 बार इस बच्चे की सर्जरी की, इस दौरान उन्होंने सबसे पहले बच्चे के माथे पर सिलिकॉन की थैली से टिश्यू एक्सपैंशन किया। 3 महीने बाद में सिलिकॉन की इस थैली ने नाक का आकार लेना प्रारंभ कर दिया था। नाक पूरी तरह विकसित होने पर डॉक्टर दास ने उसको असल नाक के स्थान पर ट्रांसप्लांट कर दिया था।