मेडिकल साइंस के क्षेत्र में पूरी दुनिया के साथ भारत भी तेज़ी से तरक्की कर रहा है। केरल में भारतीय डॉक्टरों ने एक ऐसा ही कारनामा कर के दिखाया है। भारत में पहली बार डॉक्टरों के एक दल ने 29 हफ्तों के भ्रूण के दिल का आपरेशन किया है। इससे पहले कभी भी भारत में इस तरह की सर्जरी नहीं की गई है। यह मेडिकल साइंस की सफलता का अपने आप में एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
दरअसल इस अजन्मे बच्चे के दिल के निलय (चेंबर/वेंट्रिकल्स) का संकुचन ठीक से नहीं हो रहा था। इसलिए यह ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन की इस प्रक्रिया को ‘एऑर्टिक वल्वुलोप्लास्टी’ कहा जाता है। इस ऑपरेशन को डॉक्टरों ने अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में सफलता पूर्वक पूरा किया।
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29 सप्ताह का यह भ्रूण ‘एऑर्टिक स्टिनोसिस’ से पीड़ित था। इसमें हृदय का महाधमनी वॉल्व काफी संकुचित हो जाता है। जिसकी वजह से बच्चे के वेंट्रिकल्स (निलय) में खून का संचार सामान्य तरीके से हो नहीं पाता। इससे हृदयघात होने का खतरा होता है। इस ऑपरेशन के बाद डॉक्टर यह आशा कर रहे हैं कि जन्म के बाद बच्चे को यह परेशानी नहीं होगी। इस बात की पूरी उम्मीद की जा रही है कि जन्म के बाद बच्चे के शरीर में रक्त प्रवाह सही तरह से होगा। यह ऑपरेशन डॉक्टर बालू वैद्यनाथन की देखरेख में हुआ है।
डॉक्टर वैद्यनाथन ने कहा कि गर्भावस्था के आने वाले कुछ सप्ताहों में हम उम्मीद करते हैं कि बच्चे का वेंट्रिकुलर कार्य तंत्र बेहतर होगा और बच्चे का जन्म स्थिर रक्त प्रवाह के साथ होगा। ऑपरेशन के बाद मां और बच्चे दोनों की स्थिति सामान्य बताई जा रही है।