यहां पर पानी की नहीं, हीरों की होती है बारिश

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गर्मी का मौसम चल रहा है और लोग बारिश की राह देख रहे हैं। हालांकि बीते कुछ दिनों से हल्की फुल्की बारिश हो भी रही है। देखा जाए तो गर्मियों के मौसम में बारिश ही सबसे ज्यादा सुकून देती है। मौसम के हिसाब से बाकी सब खाना, पीना और पहनना तो वैकल्पिक ही कहा जा सकता है जो हमें गर्मी से थोड़ी राहत दिलाने में सहायता करते हैं। खैर जरा इसको कुछ इस प्रकार से सोचिये कि यदि इस बार की बारिश में पानी जगह हीरे बरसने लगें तो आपको कैसा लगेगा।

यह शायद आपको असम्भव लगेगा पर हम आपको बता दें कि ऐसा होता है, हां भले ही यह अपनी धरती पर नहीं होता पर अन्य ग्रहों पर ऐसा होता है। असल में कई बार बातें मानव की समझ से बहुत परे होती हैं। इसलिए ये बातें आम व्यक्ति की समझ में नहीं आती हैं, पर हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि बृहस्पति यानि जुपिटर और शनि यानी सैटर्न ये दो इस प्रकार के गृह हैं जिन पर हीरों की बारिश होती है। इस बारे में गार्जियंन्स एक्सप्रेस ने भी अपने पेपर में यह खबर प्रकाशित की है। उसके अनुसार जुपिटर और सैटर्न इन दोनों ग्रहों पर हीरों की बारिश लगातार होती रहती है।

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अमेरिकन एस्ट्रानॉमिकल सोसाइटी की वार्षिक मीटिंग में केविन बैनेस और नासा के जेपीएल तथा मोना डेलिस्स्की नामक वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। इन लोगों के अनुसार इन दोनों ग्रहों पर तूफ़ान, गरज़ और चमक के साथ ओलावृष्टि, वातावरण की मीथेन को कार्बन में बदल देते हैं। यह नीचे गिरने पर ग्रेफाइड का रूप ले लेते हैं और बाद में हीरे में तब्दील हो जाते हैं। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में देखा है कि इन दोनों ग्रहों पर चमकदार क्रिस्टल और मीथेन बहुत ज्यादा मात्रा में है। इन वैज्ञानिकों का मत है कि इन ग्रहों पर हर साल 1 हजार टन डायमंड उत्पन्न हो सकता है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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