आपने भगवान गणेश के बहुत से मंदिर देखें ही होंगे, पर क्या आपने कभी भगवान गणेश का कोई ऐसा मंदिर देखा है जहां आज भी हर रोज डाकिया 1 हजार चिट्ठियां भगवान गणेश के लिए लेकर जाता हो? यदि नहीं, तो आज हम आपको बता रहें हैं एक ऐसे ही मंदिर के बारे में, जहां डाकिया भगवान गणेश के लिए रोज करीब एक हजार पत्र लेकर आता है।
आपको हम बता दें कि भगवान गणेश के इस मंदिर का नाम “त्रिनेत्र गणेश मंदिर” है। यह मंदिर राजस्थान के रणथंभौर में स्थित है। इस मंदिर में आने वाले सभी पत्र मंदिर के पुजारी तक पंहुचा दिए जाते हैं। पुजारी इनको भगवान गणेश के चरणों में रख देते हैं तथा कुछ पत्र भगवान गणेश को पढ़ कर सुनाये भी जाते हैं।
यह मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है। पहाड़ी पर ही चढ़कर डाकिया मंदिर तक रोज पहुंचता है। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यहां आप यदि पत्र की सहायता से अपने जीवन की कोई भी समस्या लिख कर भेजते हैं तो आपकी उन परेशानियों का जल्द ही निवारण हो जाता है। यही कारण है कि इस मंदिर में करीब एक हजार पत्र प्रतिदिन आते हैं।
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त्रिनेत्र गणेश मंदिर नामक यह मंदिर काफी प्राचीन मंदिर है। माना जाता है कि इस मंदिर की प्रतिमा को किसी ने बनाया नहीं है बल्कि यह खुद ही चट्टान में उभर आई थी। मंदिर की इस प्रतिमा में भगवान गणेश एक तीन नेत्र हैं, इसलिए ही इस मंदिर को त्रिनेत्र गणेश मंदिर कहा जाता है। मुगल काल में भी इस मंदिर में बहुत से लोग आते थे और अपने घर में होने वाले मांगलिक कार्यों में शरीख होने का न्यौता भगवान गणेश को देते थे।
मुगल काल के बाद अंग्रेजों के समय में डाक की सेवा शुरू होने पर लोग अपने निमंत्रण पत्र तथा अपनी परेशानियां पत्रों में लिखकर इस मंदिर में भेजने लगें। इस मंदिर में प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी पर मेला लगता है। यहां पर भगवान गणेश अपनी पत्नियों तथा दोनों बच्चों सहित स्थापित हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण रणथंभौर के महाराज हमीर सिंह ने 10 वीं शताब्दी में कराया था।