यह है हमारा लोकतंत्र जहां के मंत्री को हिन्दी में शपथ लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा। अब तो आम आदमी भी यही बोलेगा कि एलईडी के जमाने में लालटेन किस प्रकार से शोभित हो सकती है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उसके बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप की बारी आई नीतीश सरकार के मंत्री के रूप में शपथ लेने की, लेकिन बात उस समय बिगड़ गई जब शपथ ग्रहण समारोह में लालू के अनपढ़ सुपुत्र ‘तेज प्रताप’ शपथ पत्र ही नहीं पढ़ पाए।
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शपथ लेते हुए लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने हिन्दी के उच्चारण को अनाप शनाप पढ़ना शुरू कर दिया। ‘अपेक्षित’ को ‘उपेक्षित’ पढ़ा जाने लगा। राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उनसे अपेक्षित दोबारा पढ़ने को कहा। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार के लोगों को ऐसे मंत्रियों से अपेक्षा नहीं उपेक्षा ही मिलेगी।
दरअसल शपथ पत्र के मुताबिक लालू के पुत्र तेज प्रताप को अपेक्षित शब्द पढ़ना था, लेकिन वह गलती से उपेक्षित पढ़ गए। उनकी इस गलती की ओर बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने ध्यान दिलाया। इसके बाद वह मंच पर झेंप गए। फिर उन्हें दोबारा शपथ पढ़ने के लिए कहा गया। राज्यपाल ने उन्हें सही उच्चारण के साथ दोबारा शपथ पढ़ने को कहा। फिर तेजप्रताप ने मंत्री के रूप में पद और गोपनियता की दोबारा शपथ ली।
अब आप ही फैसला कर सकते हैं कि जहां के मंत्री ही ऐसे होंगे वहां की प्रजा का क्या होगा। बकरे को शेर की ख़ाल पहना जंगल का राजा बनाया जा रहा है।