पूरे देश में नवरात्रि का पर्व पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है और नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा मनाया जाएगा। जिसे भगवान राम और लंकापति रावण के बीच हुई लड़ाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। दूसरे शब्दों में कहे तो इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक माना जाता है। कारण कुछ भी हो, पर आज भी लोगों की आस्था और दिलचस्पी रामायण के प्रति जितनी पहले थी आज भी उतनी ही बनी हुई है।
रामायण के इतिहास के बारें में हमने किताबों के पन्ने से जाना है पर उनके कुछ अवशेष आज भी मौजूंद है जो रामायण काल के इतिहास की सच्चाई को बयां कर रहे है। रिसर्च में दावा किया गया है कि श्रीलंका में आज भी रामायण से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जिनका उल्लेख भी रामायण के ग्रंथों में किया गया है। इसके अलावा इससे जुड़ा एक ओर रहस्य जिसके बारें में हर कोई जानना चाहता है। वो है नागलोक की एक गुफा.. जहां पर आज भी रावण का शव रखा हुआ है। आइए जानते हैं इस रहस्यमयी गुफा के बारे में, जहां पर कैसे पहुचां रावण का शव ?
बताया जाता है कि श्रीलंका में मौजूद रैगला का घना जगंल जहां रावण की ममी आज भी वहां सुरक्षित रखी हुई है। कुछ लोगों का मानना हैं कि राम के द्वारा रावण का वध करने बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था लेकिन कुछ लोग आज भी रावण को धरती पर मौजूद होने का दावा कर रहे है। जो श्रीलंका के रैगला के घने जंगलों में रावण के शव के रूप में मौजूद है और उनकी रखवाली भयंकर जहरीले नाग और खुंखार जानवर कर रहे हैं।
रैगला के घने जंगलों में 8 हज़ार फुट की ऊंचाई पर एक गुफा बनी हुई है। जहां पर रावण अपनी तपस्या में लीन रहता था और इसी गुफा में रावण की ममी मौजूद है। रावण का शव जिस ताबुत में रखा गया है, उस पर एक खास किस्म का लेप लगा है, जो आज भी हज़ारों साल के बाद जस का तस लगा हुआ है। इस ताबुत की लंबाई 20 फीट और चौड़ाई 5 फीट है और इसी ताबुत के नीचे रावण का बेशकीमती खज़ाना दबा हुआ है।
विभिषण ने छोड़ दी थी लाश –
बताया जाता है जब भगवान श्रीराम और लंकाधिपति रावण के बीच जब युद्ध हुआ था, तब रावण का वध राम के हाथों हुआ था इसके बाद उनके शरीर को पूरे मान सम्मान के साथ रावण के भाई विभिषण को सौंप भी दिया गया था। और राम ने विभिषण से सम्मानपूर्वक रावण का अंतिम संस्कार करने को कहा था। पर राजसिहांसन को संभालने की लालच के साथ जल्दबाजी में विभिषण, रावण के शव वैसे ही छोड़ कर चले गये। जिसके बाद रावण के शव को नागकुल के लोग अपने साथ ले गए थे।
ममी बना दिया –
नागकुल के लोगों नें रावण को जीवित करने की कई कोशिशे भी की। लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने रावण के शव को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न रसायनों का उपयोग करके एक लेप तैयार किया। और शव पर लगा दिया। जिससे शव पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
भगवान हनुमान के पैरो के निशान –
श्रीलंका की इस धरती पर ऐसे और भी स्थल मौजूद है जिलका उल्लेख रामायण में किया गया है। जैसे अशोक वाटिका, भगवान हनुमान के पैरो के निशान और रावण के पुष्पक विमान के उतरने वाला स्थान जिसे खोज निकालने का दावा किया गया है। श्रीलंका सरकार ने ‘रामायण’ में आए लंका प्रकरण से जुड़े तमाम स्थलों पर शोध करवाकर उनकी ऐतिहासिकता सिद्ध कर इन स्थानों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का दावा किया है।