अगर आप घूमने फिरने के शौक़ीन हैं तो एक बार क्यूबा जरूर जाइए। क्यूबा नॉर्थ अमेरिका कॉन्टीनेंट में स्थित है। अगर आप क्यूबा जा रहे हैं तो यहां की राजधानी हवाना में पयटकों की मौज- मस्ती के लिए बहुत कुछ है। हवाना में टूरिस्म को सबसे ज्यादा बढ़ावा दिया है यहां की ख़ास कोको टैक्सी ने। यह टैक्सी बाकी टैक्सियों के मुकाबले दिखने में काफी अलग है और सैलानियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। यह टैक्सी सिर्फ सैलानियों में ही मशहूर नहीं है बल्कि इसे टूरिस्ट वर्ल्ड का सबसे मशहूर वाहन माना जाता है। क्यूबा की कैपिटल हवाना में कोको-टैक्सी लोकल ट्रांसपोर्ट का सबसे सस्ता ज़रिया है।
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क्यों है कोको टैक्सी इतनी ख़ास-
यह दिखने में जितनी छोटी लगती है इसकी रफ्तार उतनी ही तेज़ है। हवाना की सड़कों पर इनकी अच्छी खासी तादाद है। सेंट्रल हवाना से इन्हें हायर कर आप पूरी सिटी घूम सकते हैं। इस टैक्सी की एक और ख़ास बात है जो इसे बाकी टैक्सियों से अलग बनाती है। दरअसल मोटरसाइकिल को टैक्सी के रूप में मॉडिफाई करके इसे बनाया गया है। इसकी बॉडी प्लास्टिक और फाइबर ग्लास की बनी होती है। इसकी बनावट अंडेनुमा होती है जिसमें दो लोग आराम से बैठ सकते हैं।
कोको-टैक्सी में 75 सीसी का टू-स्ट्रोक पेट्रोल इंजन लगा होता है। इसलिए इसकी रफ्तार भी आपको परेशान नहीं करेगी। इसकी आवाज़ भी दूसरी ट्रेडिशनल टैक्सीज़ से कम होती है। इसलिए टूरिस्ट इसे बहुत पसंद करते हैं।
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हवाना में कोको टैक्सी को माना जाता है आकर्षण का केंद्र-
कुछ दशक पहले तक क्यूबा को टूरिस्ट प्लेस नहीं माना जाता था, लेकिन धीरे-धीरे टूरिज़्म बढ़ने से यह जगह पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने लगी। हवाना कैपिटल सिटी होने के साथ काफी खूबसूरत भी है और इसकी खूबसूरती में चार-चांद लगाती है कोको टैक्सी। अपने अनोखे डिज़ाइन और सस्ती राइड की वजह से टूरिस्ट्स के बीच इसका ख़ास आकर्षण है। अब कोको-टैक्सी सिर्फ हवाना ही नहीं, बल्कि पूरे क्यूबा की पहचान बन चुकी है। इस टैक्सी को हवाना का सेंटर ऑफ एट्रेक्शन भी कहा जा सकता है।
लोगों में इस टैक्सी का काफी क्रेज़ है। इसलिए यहां टूरिस्ट्स वापस लौटते समय अपने साथ छोटे-छोटे कोको टैक्सी के जैसे दिखने वाले शो पीस लेकर जाते हैं। यहां हर जगह इस तरह के शो पीस बिकते देखे जा सकते हैं।
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क्यों पड़ा इसका नाम कोको टैक्सी-
आप यह भी जरूर जानना चाहते होंगे कि इस टैक्सी का नाम कोको टैक्सी क्यों पड़ा ? असल में कोको शब्द कोकोनट मतलब नारियल से आया है। कोको टैक्सी की बनावट देखने में नारियल के खोल जैसी होती है। इसलिए इसे कोको टैक्सी नाम दिया गया। आज यह तिपहिया वाहन पूरे क्यूबा की पहचान बन गया है। इसलिए अगर आप भी घूमने-फिरने के शौक़ीन हैं और दुनिया के हर हिस्से से रूबरू होना चाहते हैं तो क्यूबा की राजधानी हवाना जाकर कोको टैक्सी में बैठने का लुत्फ़ जरूर उठाएं।