आज दुनिया भर के देशों में करेंसी से जुड़ी कई समस्या सामने आने लगी है। मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा नकली नोटों की परेशानी भी देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव डाल रही है। इस विकराल समस्या से बचने के लिए चीन ने एक तरीका ढूंढ़ निकाला है। इस तरीके को आजमाने से अर्थव्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को सुधारा जा सकता है।
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चीन के केंद्रीय बैंक की ओर घोषणा की गई है कि वह जल्द ही डिजिटल रूप में भी अपनी करेंसी जारी करेगा। चीन के केंद्रीय बैंक की ओर से डिजिटल करेंसी पर हो रहे एक सम्मेलन में कहा गया कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना का दल इस दिशा में काम कर रहा है। जल्द ही इसके सभी पहलुओं की जांच पूरी कर ली जाएगी। कागज के नोटों की अपेक्षा डिजिटल रूप में करेंसी के होने से व्यापार में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलता है। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर समस्या के रूप में विद्यमान मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी के मामलों में कमी आएगी।
जानकारी के मुताबिक डिजिटल करेंसी पर काम कर रही टीम का गठन वर्ष 2014 में किया गया था। इस टीम ने प्रौद्योगिकी, वित्त प्रणाली और कानूनी मुद्दों पर भी विचार किया है।
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डिजिटल करेंसी को चीन में लाने का कारण यह भी है कि नोटों को बार- बार छापने में बड़ी लागत आती है। डिजिटल करेंसी से नोटों की छपाई में आने वाली लागत को कम किया जा सकता है। वहीं, नोटों को छापने के बाद उसकी उम्र एक निश्चित समय अवधि तक की ही होती है। अपनी निश्चित समय अवधि के बाद नोट खराब हो जाते हैं। फिर दोबारा से उन्हें अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाने की प्रक्रिया बेहद लंबी होती है। वहीं, डिजिटल करेंसी को बार-बार छापने की जरूरत नहीं पड़ती है और वह लंबे समय तक काम आएगी।