बच्चे देश का भविष्य होते हैं। आज के द्वारा पड़ी यह नीव कल देश की बागडोर को मज़बूती के साथ बांधे रख सकती है। लेकिन इस समय हो रहे जघंन्य अपराध, बालात्कार, समाज को गर्त से भरे मोड़ पर ले जा रहे हैं। ज्यादातर छोटी लड़कियां ही इससे आहत हो रही हैं। आज इस धरोहर को हम क्यों कमजोर कर रहे हैं। हमें इनके उत्थान के लिये विशेष कदम उठाने की जरूरत है।
लड़के हो या लड़कियां ये सभी देश का भविष्य हैं। इसलिए हमें सभी बच्चों की शिक्षा की तरफ ध्यान देना चाहिए। बच्चों के रहन-सहन को ऊंचा उठाना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इन्हें स्वस्थ, निर्भीक और योग्य नागरिक बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
यही सपना तो था हमारे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का और यही संदेश जाता है। जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस के रूप में मनाये जाने वाले बाल दिवस का…
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14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है। इसे बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू पुकारते थे। बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है। और इस दिन केंद्र तथा राज्य सरकार बच्चों के भविष्य के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा करती है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू का सपना था कि बाल श्रम रोधी कानूनों को सही मायनों में पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए। बच्चो का सही स्थान कलकारखानों में नही बल्कि स्कूलों में होना चाहिए। जिससे ये बच्चे आगे चलकर देश को विकसित करने में अपना विशेष योगदान प्रदान कर सके। बच्चों के प्रति उनका प्यार अपार होने के कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे।
बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का राष्ट्रीय त्योहार है। देश की आजादी में भी नेहरू का बड़ा योगदान था।