दिल्ली सरकार ने देश की राजधानी दिल्ली में पान मसाला, गुटखा, खैनी और जर्दा जैसे चबाने वाले उत्पादों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इन उत्पादों का भंडारण, खरीददारी या फिर बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि यह प्रतिबंध केवल एक साल के लिए ही है। इसी के साथ दिल्ली सरकार ने खुले उत्पादों पर भी रोक लगाई गई है।
खाद्य सुरक्षा विभाग के एक विभाग ने गुरुवार को इस बारे में एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि तंबाकू, पान मसाला, गुटखा खैनी जैसे उत्पादों का सेवन करने से लोगों के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। इतना ही नहीं इसके साथ ही उन्हें कई तरह की बीमारियों से भी होकर गुजरना पड़ता है। यह आने वाली पीढ़ियों की जैविक संरचना को भी काफी प्रभावित कर सकता है।
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खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 30 की उपधारा (2) के खंड (क) के द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिल्ली में सरकारी राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन की तारीख से एक साल के लिए तंबाकू से उत्पाद बनाने, भंडारण और बिक्री पर बैन लगाया गया है।
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दिल्ली सरकार का यह फैसला उन लोगों को परेशान कर सकता है जो इन उत्पादों के सेवन के आदी हैं। वहीं सरकार का यह फैसला इसलिए भी हैरानी वाला माना जा रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार ने इस वित्त वर्ष के बजट में तंबाकू और सभी तंबाकू उत्पादों को 20 फीसदी वैट दर के दायरे में रखने का प्रावधान किया है।
मंत्री ने कहा, प्रतिबंध को आगे बढ़ाया
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने इस बारे में कहा कि ‘बैन सिर्फ चबाने वाले तम्बाकू पर है। इसका हर साल नोटिफिकेशन होता है, उसी को एक्सटेंड किया है। मामला कोर्ट में है, इसीलिए जैसे ही कोर्ट आदेश देगी एक्शन लेंगे। अगर एक्सटेंड नहीं करते तो यह धड़ल्ले से बिकता।’