विशेष खोज – ब्रह्माण्ड में एलियन वाकई खोजे जा सकते हैं या नहीं

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एलियन यानी किसी अन्य ग्रह के प्राणी की खोज इंसान काफी लंबे अरसे से करता आ रहा है और इसके लिए वो अलग-अलग उपाय भी आंजमा रहा है, कभी अंतरिक्ष में दूरबीन को भेज जा रहा है, कभी रॉकेट को तो कभी सेटेलाइट को भेज जा रहा है पर अभी तक मानव की इस खोज का कोई निर्याणक परिणाम नहीं निकल पाया है। आपको जानकार हैरानी होगी कि हम लोग पिछले 100 साल से लगातार अंतरिक्ष में रेडियो तरंगे भेज रहें हैं और कोशिश कर रहें हैं कि कोई अन्य ग्रह का प्राणी उनको सुने और उत्तर दे, पर अभी तक हमें कोई भी उत्तर नहीं मिल पाया है, आखिर इसके पीछे क्या वजह रहीं है।

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असल में देखा जाये तो कई वजह सामने आती हैं, हो सकता है कि जिन एलियंस की खोज हम कर रहें हैं वे अंतरिक्ष में कहीं पर हो ही न या फिर ये भी हो सकता है कि यदि अंतरिक्ष में कहीं जीवन हो तो वहां के जीव अभी तक कीट और पतंगे के दर्जे से आगे ही न बढ़ पाए हों। इसके अलावा यह भी एक वजह हो सकती है कि एलियंस हमारे से इतने दूर हो की उन तक अभी हमारी रेडियो तरंगे पहुंच ही नहीं पाई हो।

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एलियंस की तलाश में एक संस्था अपना काम लंबे समय से कर रही है जिसका नाम एसईटीआई यानी ‘सर्च फॉर एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस’ है, इस संस्था के वैज्ञानिक सेथ शोस्टाक का कहना है कि “हमने एलियन के बहुत सारे रूप फिल्मों में देखे हैं. इसलिए उनकी एक खास तस्वीर हमारे जहन में बन गई है। मगर हो सकता है कि अगर उनका संदेश आए भी तो वो वैसे न हों, जैसा हमने सोच रखा हो.”, आगे सेथ कहते हैं कि “हमें ब्रह्मांड में कहीं और एलियन तलाशने करने की बजाय अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। शोस्टाक के मुताबिक इंसान आज बनावटी दिमाग वाली मशीनें तैयार करने में जुटा है। ऐसे में अगर ब्रह्मांड में कहीं एलियन होंगे भी तो वो तरक्की के मामले में इंसान से काफी आगे निकल चुके होंगे। ऐसे में ये भी हो सकता है कि किसी और ग्रह के जीवों ने बनावटी बुद्धि का विकास कर लिया हो, साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि ऐसी मशीनों ने आखिर में अपने बनाने वालों को ही खत्म कर दिया हो।”

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पूर्व अंतरिक्ष यात्री और लेखक स्टुअर्ट क्लार्क अपने विचार देते हुए कहते हैं कि “”अगर ये बनावटी दिमाग वाली मशीनें इतनी तेज रफ्तार हो जाएं कि इंसान का आदेश मानने से इंकार कर दें, तो बहुत मुमकिन है कि आगे चलकर ये अपना राज कायम करने की कोशिश करें।”

शोस्टाक सलाह देते हैं कि “इसके लिए सेटी को अपनी दूरबीने धरती पर लगाने की बजाय अंतरिक्ष यानों के साथ अंतरिक्ष में भेजनी चाहिए। अब हर स्पेसक्राफ्ट भेजने वाला देश इसके लिए तैयार होगा, ये कहना जरा मुश्किल है।”

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वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग इस बारे में अपने अलग ही विचार व्यक्त करते हैं, उनका कहना है कि “इससे धरती के लिए खतरा बढ़ जाएगा क्योंकि ये भी हो सकता है कि हमसे ताकतवर जीव ब्रह्मांड में कहीं हो और उन्हें हमारे बारे में अब तक पता न हो। मगर रेडियो संदेश मिलते ही वो हमें तलाशते हुए आ जाएं. ऐसे में मानवता का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।” सही बात यह है कि इससे विषय पर न तो इंकार किया आज सकता है न ही इसके होने की पुष्टि की जा सकती है, पर इसके लिए अभी खोज जारी रखनी ही पड़ेगी।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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