अपने देश में कुछ स्थान ऐसे हैं जहां आज भी अरबों का खजाना दबा हुआ है। इन स्थानों में बहुत से वें स्थान हैं जो अपने में ऐतिहासिक हैं। आज हम आपको देश के एक ऐसे ही स्थान के बारे में बता रहें हैं। आपको हम बता दें कि अरबों के खजाने का यह स्थान भारत के हरियाणा प्रदेश में है। इस स्थान को “चोरों की बावड़ी” के नाम में जाना जाता है।
आपको हम बता दें कि इस बावड़ी का निर्माण मुगलकाल में हुआ था। यह बावड़ी ऐतिहासिक इमारत से ज्यादा अपनी रहस्यमय मान्यताओं और कहानियों के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इस बावड़ी में प्राचीन खजाना दबा हुआ है। इसके अंदर अनेक सुरंगे होने का भी जिक्र किया जाता है। कहा जाता है कि इसके अंदर की सुरंगे पाकिस्तान के लाहौर तक जाती हैं। इस बावड़ी को ‘स्वर्ग का झरना’ भी कहा जाता है।
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इस बावड़ी में एक फारसी अभिलेख भी लिखा हुआ है जिसके अनुसार इस बावड़ी का निर्माण1658-59 ईसवीं में शहंशाह शाहजहां के सूबेदार सैद्यू कलाल ने कराया था। इस बावड़ी के अंदर में एक कुआं है तथा राहगीरों के आराम करने के लिए कुछ कमरों का निर्माण भी इस बावड़ी में कराया था, पर आज यह जर्जर हालत में है और इसके बुर्ज गिर चुके हैं।
इस बावड़ी के विषय में कई कहानियां मिलती हैं पर सबसे रोचक कहानी “ज्ञानी चोर” की है। कहा जाता है कि ज्ञानी चोर बहुत शातिर तथा चालाक था। वह राहगीरों को लूटता था और भागकर इस बावड़ी में चला जाता था। माना जाता है कि ज्ञानी चोर का खजाना आज भी इसी बावड़ी में है।
उस खजाने की खोज में कई लोग इस बावड़ी के अंदर गए पर अंदर की सुरंगों में फंस कर वापिस नहीं आ पाएं। ज्ञानी चोर की इस कहानी के कारण ही इस बावड़ी का नाम “चोरों की बावड़ी” पड़ गया था, जो अभी भी है। वर्तमान इतिहास चोरों की बावड़ी और ज्ञानी चोर के संबंध को नहीं मानता है। इतिहासकार कहते हैं कि ज्ञानी चोर का इतिहास में कोई वर्णन नहीं मिलता है, पर इस कहानी को ध्यान में रख कर इस पर रिसर्च शुरू की जानी चाहिए।