दुनिया में मां की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती। अगर कोई भगवान से मिलना चाहता है तो उसे अपनी मां को देख लेना चाहिए। एक मां की पूरी दुनिया केवल उसकी संतान में ही होती है। बच्चे की जान पर बन आए तो मां ही सबसे पहले हर संभव प्रयास करने के लिए आगे आती है। एक ऐसा ही वाकया भोपाल के दमोहा में सामने आया।
यहां एक दो साल का बच्चा छत पर खेल रहा था। तभी वह छत से गिर गया। अपने बच्चे को छत से नीचे गिरता देख मां ने भी छत से छलांग लगा दी और अपने आंचल में बच्चे को उठाते हुए उसे दुलार करने लगी। यह नजरा देख रहे लोगों की आंखो में आंसू आ गए।
भगवान ने हर किसी को सही राह दिखाने के लिए वरदान के रूप में मां का तोहफा दिया है। मां के प्यार, दुलार और उसकी डांट सभी बच्चों के लिए बेहद जरूरी है। अगर बच्चे की जान पर बन आए तो मां ही वो कवच है जो बच्चे को सुरक्षा प्रदान करती है।
दमोहा में सूर्यकांत सेन का दो साल का बेटा शिवकांत अपनी मां अर्चना के साथ छत पर खेल रहा था। छत पर बाउंड्री न होने की वजह से शिवकांत ऊपर से नीचे गिर गया। अपने बेटे को ऊपर से नीचे गिरते देख मां ने भी छत से छलांग लगा दी। जैसे ही बेटा गिरा मां ने तुरंत बेटे को सीने से लगा लिया। गिरने की वजह से दो वर्षीय शिवकांत को पैर में मामूली सी चोट आई। परिवार को इस बात का पता चलते ही वह मां, बेटे को अस्पताल लेकर गए। जहां पर डॉक्टर ने बेटे को ज्यादा चोटें न लगने का श्रेय मां को दिया। वहीं, जिन लोगों ने भी यह दृश्य देखा उनकी आंखों से मां के दुलार को देखकर आंसू निकल गए।