आज के दौर में जब महिलायें पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। ऐसे में यह कहना कि उनमें आधा दिमाग होता है कहां तक जायज है। आज महिलाओं तथा पुरुषों में काम के मामले में कोई अंतर नहीं दिखाई पड़ता। जो कार्य आज से पहले पुरुष वर्ग करता आ रहा था वह आज महिलाओं का वर्ग अच्छे से संभल रहा है। आज शिक्षा के क्षेत्र में भी महिला पुरुषों से कम नहीं हैं। इन सभी बातों से यही पता लगता है कि महिला तथा पुरुषों में कोई भी भेद नहीं है। मगर हाल ही में सऊदी के एक मौलाना ने अपने ज्ञान और इल्म की बदौलत एक नई बात सबके सामने रखी है। इन मौलाना साहब का यह कहना है कि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा आधा दिमाग होता है। मौलाना साहब अपने ज्ञान का विस्तार करते हुए यह भी बताते हैं कि यदि महिला शॉपिंग करने के लिए जाती है तब उसके आधे दिमाग में से आधा दिमाग और ख़त्म हो जाता है यानी शॉपिंग करने वाली महिला के पास महज एक-चौथाई दिमाग ही बचा रहता हैं और इसी वजह से महिलाओं को गाड़ियां चलते समय बहुत से हादसों को अंजाम देती है।
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सऊदी के इन ज्ञानवान मौलाना साहब का नाम “शेख साद अल हजारी” है। इन्होने कुछ समय पूर्व ही सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो अपलोड किया है जोकि मौलाना साहब के इस कथित ज्ञान के कारण काफी वायरल हो रहा है। इसमें मौलाना साहब महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस न देने की वकालत करते हुए कहते हैं कि महिलाओं में एक-चौथाई दिमाग होता है इसलिए वे सही से न तो ड्राइविंग कर सकती है और न ही ट्रैफिक के नियमों का पालन, इसलिए महिलाओं को गाड़ी चलाने का लाइसेंस नहीं देना चाहिए। आगे मौलाना साहब यह भी कहते हैं कि महिलाओं को अल्लाह ने ऐसे ही बनाया है। जब तक की वह अच्छी मुस्लिम नहीं बन जाती है वह ऐसे ही रहेगी इसलिए महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस नहीं देना चाहिए। यहां हम आपकों यह बता दें कि सऊदी में महिलाओं के गाड़ी चलाने पर बैन है।