पूर्णमासी की रात को दिखने वाला चंद्रमा काफी चौकाने वाला अद्भुत नजारा होगा। क्योंकि इस रात पर बनने वाली चंद्रमा की आकृति सबसे छोटी होगी और इस छोटी सी आकृति से बने इस मून को हम ‘मिनी मून’ कहते हैं, यह 15 वर्षो के बाद दोबारा देखे जाने वाला है। वैसे माना जाये तो आज की रात भारत के समयानुसार करीब 9 बजकर 35 मिनट पर चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाने के दौरान काफी दूर होता जायेगा। जिसकी पृथ्वी से करीब 406350 किलोमीटर की दूरी पर होगा। औसतन के अनुसार चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 384000 किलोमीटर बताई जाती है।
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तारामंडल से जुड़े लोगों के मुताबिक ‘‘पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी से अपने सबसे अधिक दूरी के बिंदु से बहुत पास होगा। इसलिए इसका आकार औसत आकार पूर्णिमा के चांद से छोटा होगा।’’ पर बहुत लोग इस अद्भुत नजारे को नही देख पायेगें। क्योंकि यह नजारा 10 बजकर 55 मिनट पर दिखने वाला है। हालांकि चांदनी रात की इस पूर्णिमा के चांद की रोशनी काफी कम होगी। जिससे काफी लोग इस अद्भुत नजारे को नहीं देख पायेगें।
इसके बाद इस तरह का नजारा 10 दिसंबर 2030 को दिखने को मिलेगा। इस समय का चंद्रमा पृथ्वी से काफी ज्यादा दूरी पर होगा। यदि आप सुपरमून को देखना चाहते है तो जब चंद्रमा कि स्थिति पृथ्वी के सबसे ज्यादा निकटतम स्थिति पर होती है तब उस समय की आकृति चंद्रमा से 14 प्रतिशत छोटी होती है। और इसी छोटी सी बनने वाली आकृति को सुपर मून कहा जाता है।