पेड़ हम सब लोगों ने देखे हैं, अपने देश में पेड़ों की कमी नहीं है और यही कारण है कि हम लोग अलग अलग प्रजातियों के सैकड़ो पेड़ों से परिचित हैं। पर क्या आपने कभी ऐसे पेड़ के बारे सुना हैं, जिसको छूते ही व्यक्ति की थकान उतर जाती है। शायद आपने नहीं सुना होगा पर आज हम आपको एक ऐसे ही पेड़ के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं। इस पेड़ के बारे में लोगों की अलग अलग मान्यताएं और धारणाएं भी हैं आइये जानते हैं इस पेड़ के बारे में
Image Source:
यह एक परिजात का वृक्ष है और यह उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में स्थित है तथा वर्तमान में यह काफी प्रसिद्ध हो रहा है, देश-विदेश से लोग इस वृक्ष को देखने के लिए यहां आते हैं। इस वृक्ष को लेकर लोगों की कई मान्यताएं भी हैं। यहां के पुजारी रामचन्द्र जी का कहना है की यह वृक्ष समुद्र मंथन से निकलता था और बाद में इसको प्रकृति का रूप मान यहां पर स्थापित कर दिया गया था। कुछ लोगों का मनना है कि इस वृक्ष के पास ही पांडवो ने अपनी माता कुंती के साथ अज्ञातवास का काफी समय बिताया था। परिजात के पेड़ के धार्मिक महत्त्व की बात यदि हम करें तो इसका वर्णन हरिवंश पुराण में मिलता है, जिसमें देवता लोग इस वृक्ष को कल्प वृक्ष कहते हैं। लोगों का इस वृक्ष के संबंध में मनना है कि इस वृक्ष के छूने मात्र से ही लोगों की थकान मिट जाती है।
Image Source:
परिजात का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसके पत्ते, छाल व अन्य चीजों का कई प्रकार के रोगों में उपयोग किया जाता है। जैसे की परिजात के फूल हृदय रोग के लिए बहुत उत्तम माने जाते हैं। इसके पत्ते, छाल एवं फूल का उपयोग कई प्रकार की औषधि बनाने में किया जाता है।