आपने अब तक यह बात कभी नहीं सुनी होगी कि प्लेन को चलाने के लिए किसी ट्रेन की जरूरत पड़ती है, लेकिन एक ऐसा देश भी है जहां पर प्लेन को उड़ान भरने से पहले एक ट्रेन की जरूरत पड़ती है। हम आपको बता दें कि सुनामी और भूकंप के कारण अक्सर खबरों में बना रहने वाला देश यानी न्यूजीलैंड ही वह देश है, जहां पर प्लेन को चलाने के लिए ट्रेन की मदद की जरूरत पड़ती है।
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न्यूजीलैंड के गिसबॉर्न एयरपोर्ट एक ऐसा एयरपोर्ट है, जहां पर प्लेन को उड़ान भरने से पहले ट्रेन का इंतजार करना होता है, यानी कि यहां पर ट्रेन के निकल जाने के बाद ही प्लेन को उड़ाया जाता है। इस एयरपोर्ट को देखने के लिए दूसरे देशों से भी कई सैलानी आते हैं। इस एयरपोर्ट में सुबह 6:30 से रात के 8:30 बजे तक दोनों रनवे और रेल मार्ग व्यस्त रहते हैं, लेकिन रात को 8:30 बजे के बाद रनवे को बंद कर दिया जाता है, दरअसल यह रनवे ठीक रेलवे ट्रैक के बीचों बीच में बना हुआ है, जिस कारण अधिकतर मौकों पर प्लेन और ट्रेन को एक के बाद एक करके रास्ता दिया जाता है।
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इस एयरपोर्ट से 60 से भी ज्यादा घरेलू उड़ाने संचालित की जाती है, इसके अलावा यहां पर कम से कम पंद्रह लाख यात्री सालभर में सफर करते हैं। एक ही सड़क पर कभी ट्रैन तो कभी प्लेन को देखना का नजारा ही बेहद अलग होता है।