महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी पर फिर से इसकी मार पड़ी है। बेचारी जनता सरकार से पूछ रही है क्या हुआ तेरा वादा…वो अच्छे दिन लाने का वादा, जिसकी उम्मीद में जनता ने उन पर भरोसा कर उन्हें स्पष्ट बहुमत से जीत दिलाई थी। महंगाई से त्रस्त जनता को उम्मीद थी कि मोदी सरकार आएगी तो हालात सुधरेंगे। जेब ढीली नहीं होगी, लेकिन सब कुछ उम्मीदों के उल्टा होता दिख रहा है। पूरे भारत में रविवार से स्वच्छ भारत अभियान के लिए अलग से सेस यानी अधिभार लागू कर दिया गया है। इस स्वच्छ भारत कर से 120 सेवाएं और महंगी हो गई हैं।
रेल, हवाई सफर, रेस्टोरेन्ट, होटल में कमरों की बुकिंग, बैंकिंग, ढुलाई भाड़ा, मोबाइल कम्पनियों की सेवाएं, केबल, कूरियर, कोचिंग, लग्न-मंडप, पंडाल, स्टॉक एक्सचेन्ज में ट्रेडिंग, मकान निर्माण, विज्ञापन, रेडियो टैक्सी, मकान किराया, जिम इत्यादि सभी सेवाएं महंगी हो गई। इन सेवाओं पर सेवा शुल्क 14 प्रतिशत के साथ ही 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त वसूल किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इस मद से आने वाले पैसे पूरी तरह से स्वच्छ भारत अभियान पर खर्च होंगे।
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यह कर लगने के बाद रेलवे के एसी कोच में सफर करना काफी महंगा हो जाएगा। 14 फीसदी सर्विस टैक्स और 0.5 फीसदी स्वच्छ भारत सेस लागू होने के बाद से रेलवे की सभी अपर क्लास के किराए 4 फीसदी से ज्यादा बढ़ जाएंगे। रेल मंत्रालय के एक सर्कुलर के मुताबिक 15 नवंबर से फर्स्ट क्लास और सभी एसी क्लास के किराए 4.35 फीसदी तक बढ़ जाएंगे।
सरकार ने कहा है कि गंदी आबोहवा के कारण मलेरिया, डेंगू, डायरिया, पीलिया, हैजा जैसी कई सारी बीमारियां फैल रही हैं। इससे स्वास्थ्य पर हमारा खर्च काफी बढ़ जाता है। सरकार के अनुमानों के मुताबिक, स्वास्थ्य पर खर्च सालाना 6,700 करोड़ रुपए बढ़ता जा रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के लिए ज्यादा आवंटन से इन बीमारियों से बचना संभव होगा और इसका लाभ सभी जनता को मिलेगा।
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वहीं, आपको यह भी बता दें कि आधी रात से पेट्रोल और डीजल के दामों में भी इजाफा हो गया है। पेट्रोल 36 पैसे प्रति लीटर तो डीजल के दाम भी 87 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। अब बढ़ी हुई कीमतों के बाद दिल्ली में पेट्रोल 61.06 रुपए और डीजल 46.80 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है।