इस बात से तो सभी अच्छे से वाकिफ हैं कि देश सूखे की मार से किस कदर बेहाल हो रखा है लेकिन सूट-बूट की सरकार कहे जाने वाली मोदी सरकार, जिसने जनता को अच्छे दिनों का सपना दिखाया था। वह जनता की इन समस्याओं को भूल बेफ्रिक होकर बैठी रहेगी शायद किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा लेकिन कहते हैं, अपना न सही किसी का तो भला हो। ऐसे में अब आपको जानकर थोड़ी हैरानी जरूर होगी। लेकिन मोदी सरकार के मंत्रियों को देश की बकरियों की चिंता सताने लगी है। जिसके चलते उन्होंने एक सॉफ्टवेयर लांच कर दिया है।
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केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बकरियों का लेखा-जोखा रखने के लिए एक ऐसे सॉफ्टवेयर को लांच किया है। जिसमें बकरियों की नस्ल, उसकी प्रजनन क्षमता, दूध और मांस का प्रोडक्शन और उनकी बीमारियों आदि का लेखा-जोखा भी नेशनल लेवल पर रखा जायेगा। वहीं आपको ये जानकर भी हैरानी होगी की बकरियों को आम जनता की तरह एक राष्ट्रीय पहचान यूनिक आई डी यानी की आधार नंबर भी दिया जाएगा। वहीं इस नंबर को सॉफ्टवेयर में डालने पर उस बकरी से जुड़ी सभी जानकारी उसके मालिक का नाम, पैदा होने की जगह और नस्ल, उम्र सब ऑनलाइन ही मिल जाएगी।
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वहीं इस सॉफ्टवेयर को लांच करते वक्त कृषि मंत्री ने बताया कि अभी सरकार को देश में कितने जानवर हैं उसके आंकड़े तो मिल रहे हैं। लेकिन उनके खान-पान की क्वालिटी, बीमारियां, इलाज की व्यवस्था, आनुवंशिक उतार चढ़ाव, मौसम और वातावरण के हिसाब से प्रजनन क्षमता में बढ़त या कमी के आंकड़े नहीं मिलते। जिसके चलते इसको लांच किया जा रहा है। वैसे ये सुविधा अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में है। ऐसे में अब अपने देश में भी सिर्फ बकरियों के लिए यह योजना शुरू हो गई है। लेकिन कहा जा रहा है की जल्द ही इसमें थोड़े से बदलाव लाकर बाकी जानवरों के लिए भी इस स्कीम को लाया जाएगा। ऐसे में अब देखना ये होगा कि कृषि मंत्री की ये बकरी चिंता सॉफ्टवेयर कितना कम कर पाता हैं।