बिहार के छात्र ने बनाई केले के तने से बिजली

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अपने देश में कई ऐसे लोग हुए हैं जिन्होंने अपने अविष्कारों से दुनिया के लोगों को चकित कर दिया है, हालही में ऐसा ही एक आविष्कार अपने ही देश के एक युवक ने केले के तने से बिजली बना कर किया है, बिहार के केलाचल के नाम से प्रसिद्ध जिला नवगछिया के एक युवक ने केले के तने से बिजली बना कर लाखों लोगों को विस्मित कर दिया है और अपने इस प्रोजेक्ट को उसने “बनाना बायो सेल” नाम दिया है। इस युवक का नाम “गोपाल” है और यह तुलसीपुर जमुनिया में 12वीं कक्षा का विद्यार्थी है। इस लड़के के पिता का नाम प्रेम रंजन हैं और वे एक केला व्यापारी और किसान है, यहीं से गोपाल को केले के तने से बिजली बनाने की प्रेरणा मिली।

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गोपाल को अपनी इस खोज के लिए “नेशनल इंस्पायर अवार्ड” के लिए बिहार टीम में सलेक्ट किया गया है। बिहार के नवगछिया इलाके में हर साल केले के हजारों टन अवशिष्ट बर्बाद हो जाते हैं पर गोपाल के इस प्रयोग से अब ऐसे पदार्थों का उपयोग बिजली बनाने में किया जाएगा तथा आम आदमी की बिजली की किल्लत को दूर किया जा सकता है। गोपाल अपने पिता से मिले बिजली बनाने के आइडिया के बारे में कहता है कि “केले का रस किसी कपड़े पर लग जाए तो उसके दाग नहीं छूटते थे। एक दिन उसने अपने पिता से इसका कारण पूछा। पिता ने उसे बताया कि केले के रस की यह प्रकृति एसिड जैसी है। तभी उसके मन में रसायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने का आइडिया आया।”, गोपाल ने अपने इस आइडिया से एलईडी बल्ब जलाकर दिखया, इस बारे में गोपाल बताता है कि “केले के थंब में प्राकृतिक रूप से सैट्रिक एसिड पाया जाता है। घर में इनवर्टर जैसे उपकरणों में प्रयोग होने वाली बैट्री में भी एसिड में दो अलग-अलग तत्व के इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं। इसको आधार बनाकर ही (बनाना बायो सेल) का निर्माण किया है। केले के थंब को जिंक और कॉपर के दो अलग-अलग इलेक्ट्रोड से जोड़ दिया। इलेक्ट्रोड जोड़ने के साथ ही इसमें करंट आने लगा और इसमें एलईडी बल्ब लगाकर जलाया गया।”, जानकारी के लिए आपको यह भी बता दें कि गोपाल राज्यस्तरीय इंस्पायर अवार्ड 2016 में बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा भी सम्मानित हो चुका है।

 

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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