झुग्गी-झोपड़ी का यह युवक आज है अपने देश का करोड़पति

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आपने कुछ समय पहले आई एक फिल्म देखी ही होगी जिसका नाम था “स्लमडॉग मिलेनियर”, यह फिल्म एक लड़के के ऊपर आधारित थी जो की झुग्गी-झोपड़ी में रहता था पर कुछ समय बाद में वह एक करोड़पति बन जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही लड़के के वास्तविक जीवन की कहानी बता रहें हैं, जो की कभी झुग्गी-झोपड़ी में रहता था पर आज करोड़ों की कंपनी का मालिक है।

इस लड़के का नाम है अंबरीश मित्रा, इस लड़के का जन्म और पढ़ाई का सारा समय झुग्गी के वातावरण में ही बिता है, पर आज यह लड़का करोड़पति है और हजारों लोगों के लिए प्ररेणास्त्रोत है। अंबरीश का जन्म धनबाद में हुआ था जो की वर्तमान में झारखंड में है। धनबाद को कोयले की राजधानी माना जाता है क्योंकि इस स्थान से देशभर में सबसे ज्यादा कोयला निकलता है। अंबरीश मात्र 15 साल की उम्र में अपने घर यानी धनबाद से भाग कर दिल्ली आ गए थे और खाने पीने तथा अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए यहां पर अखबार तथा मैगजीन बेचने लगें। इसके बाद में इन्होंने चाय की दुकान पर भी कुछ समय तक कार्य किया। कुल मिलाकर हर छोटा बड़ा काम अंबरीश ने उस समय किया था, पर पिछले 5 साल में अंबरीश की किस्मत चमक गई और वर्तमान में “ब्लिपर” नामक 10 हजार करोड़ की कंपनी के मालिक है और इनकी कंपनी के यूजर करीब 170 देशों में फैले हुए हैं।

ऐसे आया जीवन में मोड़ –
जब अंबरीश दिल्ली में स्ट्रगल कर रहें थे तब उन्होंने पेपर में एक विज्ञापन देखा। जिसमें बिजनेस आइडिया मांगा गया था, अंबरीश ने अपना दिमाग दौड़ाया और “महिलाओं को मुफ्त इंटरनेट” देने का आइडिया दिया। इस आइडिया के बदले अंबरीश को 5 लाख रूपए मिले। इस पैसे से अंबरीश ने “वुमेन इंफोलाइन” नामक कंपनी शुरू की। इसके बाद में वह इंग्लैंड चले गए और वहां एक मैनेजमेंट कंपनी खोली जो की सही नहीं चली पर वहां उन्हें शराब पीने की आदत हो गई और यही आदत उनके जीवन में नया सवेरा ले आई।

slumdog-millionaire2Image Source:

असल में एक दिन अंबरीश एक पब में उमर तैयब(ब्लिपर से सहसंस्थापक) के साथ बैठ कर शराब पी रहे थे, आखरी पैग के लिए अम्बरीश ने 15 डॉलर निकाल कर काउंटर पर रखे और मजाक में कहा “कितना अच्छा होता यदि इस नोट से महारानी विक्टोरिया निकल कर बाहर आ जाती। यह मजाक में कहें शब्द ही बिजनेस का आइडिया बन गए, उमर ने उस समय की अंबरीश की एक तस्वीर ली और उसको महारानी विक्टोरिया के साथ में सुपर इम्पोज कर दिया और इसका एप डेवलप कर दिया। इस प्रकार से ब्लिपर का जन्म हुआ, यह कंपनी ऑगमेंटेड एप बनाती है। वर्तमान में इस कंपनी के 12 जगहों पर ऑफिस हैं तथा 650 करोड़ रूपए यह कंपनी निवेश से जुटा चुकी है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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