मोदी मिशन के लिए वैज्ञानिक ने छोड़ी नौकरी

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स्वच्छता अभियान में एक ओर जहां बड़े से बड़े लोग पीएम मोदी के साथ झाड़ू लेकर सड़कों पर खड़े हो गए थे, वहीं भारत का छोटे से छोटा आदमी भी इस अभियान में अपनी भागीदारी करने से पीछे नहीं था। स्वच्छता अभियान को शुरू हुए काफ़ी समय हो गया है फिर भी बहुत से लोग इसमें अपनी भागीदारी आज भी निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर नासा के एक बड़े वैज्ञानिक ने अपनी जमी जमाई नौकरी छोड़ दी और ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण के काम से जुड़ गया।

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एक अख़बार की खबर के अनुसार चन्द्रमा पर यान भेजने के सबसे पहले अभियान से जुड़े नील द्विवेदी पंडित झारखंड के गांवों का स्तर सुधारने और वहां शौचालयों का निर्माण कराने के लिए अपनी नासा की नौकरी को छोड़ आए। मशहूर इंजीनियरिंग कॉलेज बीआईटी (बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) सिंदरी के एल्यूमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष पंडित ने इस काम के लिए अपने कॉलेज के दोस्तों को भी साथ जोड़ लिया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वच्छता अभियान के आह्वान के बाद नील पंडित और नार्थ अमेरिका के उनके दोस्तों (जो कालेज में उनके साथ पढ़े थे) ने बिहार और झारखंड में शौचालय निर्माण और उनके रखरखाव के लिए एक लाख डॉलर का योगदान भी दिया है।
अपने अभियान को और आगे बढ़ाने के लिए पंडित ने बुधवार को झारखंड के मुख्य सचिव राजीव गाबा से मुलाकात की। इसके अलावा गुरुवार को वह बीआईटी सिंदरी के उच्चीकरण के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी मुलाकात करेंगे।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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