हाल ही में एक अनोखा मामला अपने देश में सामने आया है जिसमें बिना टिकट कबूतर को यात्रा कराने के कार्य में बस अधिकारीयों ने बस कंडक्टर को नोटिस जारी कर दिया है। जी हां, वर्तमान में यह खबर काफी जोरों-शोरों से सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है। आपको हम बता दें कि इस खबर को जानकर सभी लोग हैरत में हैं। असल में यह घटना भारत के ही तमिलनाडु से सामने आई है। हुआ यह था कि तमिलनाडु स्टेट ट्रांसपॉर्ट कॉपोरेशन की एक बस हरूर से एलावडी क्षेत्र की ओर जा रही थी। बीच यात्रा में ही बस को रूकवा कर टिकट चैक करने के लिए कुछ सरकारी अधिकारी बस में चढ़ गए और यात्रियों के टिकट चैक करने लगें। टिकट चेकिंग के दौरान ही एक अधिकारी की निगाह एक यात्री के पास की खिड़की पर बैठे हुए कबूतर पर पड़ गई। अधिकारी ने उस यात्री से कबूतर का टिकट दिखाने को कहा। यात्री ने कबूतर का टिकट न होने की बात कही।
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इसके बाद स्टेट ट्रांसपॉर्ट कॉपोरेशन के अधिकारी ने बस कंडक्टर से कबूतर के टिकट काटने के बारे में पूछा तो कंडक्टर ने कबूतर का टिकट न काटने की बात कही। कंडक्टर ने कहा कि जब यह यात्री बस में सफर करने के लिए चढ़ा था, तब उसके पास में कोई कबूतर नहीं था। अब उसकी खिड़की पर कैसे कबूतर आ गया इस बारे में उसको कुछ नहीं पता। इसके बाद बस कंडक्टर ने बस परिवहन के नियमों का हवाला दिया, जिनके अनुसार यदि कोई यात्री किसी पक्षी या जानवर के साथ यात्रा करता है तो उसका टिकट लेना भी जरूरी होता है। बस अधिकारी ने कंडक्टर की कोई बात नहीं सुनी और कंडक्टर को नोटिस जारी कर दिया। परिवहन विभाग के ही एक विभागीय अधिकारी ने इस बारे में कहा है कि बिना टिकट उस समय चालान किया जाता, जब यात्री के पास में कम से कम 30 कबूतर होते, इस स्थिति में उन कबूतरों का किराया यात्री के किराए का एक चौथाई होता। इस प्रकार से महज एक कबूतर की वजह से एक सरकारी कंडक्टर की नौकरी खतरे में पड़ चुकी है। अब देखना यह है कि आगे इस मामले का रिजल्ट क्या निकलता है।