मनुष्य मृत्यु के बाद ही स्वर्ग या नरक को जाता है। ऐसी बात शास्त्र और पुराण कहते हैं, परन्तु इस बात का असल में सच क्या है यह आज भी रहस्य का विषय है। भारत में ऐसी कई जगह मौजूद है जहां पर पहुंचकर लगता है कि यही स्वर्ग है। ऐसा कश्मीर के लिए भी कहा जाता है। भारतीय शास्त्रों और महाभारत कालीन ग्रंथों में इस बात की पुष्टि मिलती हैं कि भारत में ऐसी जगह मौजूद है जहां से व्यक्ति शरीर के साथ ही स्वर्ग की ओर जा सकता है। इस जगह का अपना एक विशेष महत्व है और आज यह जगह एक बड़े तीर्थ स्थल के रूप में जानी जाती है।
शास्त्रों के मुताबिक महाभारत काल में पांडवों और कौरवों के युद्ध के पश्चात् पांडव अपना राज छोड़कर हिमालय की ओर चले गए थे। वहां पर उन्हें एक ऐसा द्वार मिला था जहां से पांचों पंडाव, दौपदी और उनके पीछे एक कुत्ता सीधे स्वर्ग की ओर चले गए थे। यह बात मिथ्या नहीं है। यह जगह आज भी उत्तराखण्ड के गढ़वाल के बंदरपुंछ में स्थित है। इस जगह को स्वर्गारोहिनी कहा जाता है। इसी जगह को स्वर्ग जाने के रास्ते के रूप में मान्यता मिली है।
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आज यह जगह एक तीर्थ स्थल बन चुकी है। इस जगह को देखने के लिए विदेशों से भी हर साल हजारों लोग देश में आते हैं। इस जगह के चारों ओर दैवीय शांति फैली हुई है। यहां पर आने वालों को इस स्थान पर दैवीय शक्तियों के मौजूद होने की भी अनुभूति होती है। फिलहाल कई लोग इस जगह को अभी भी नहीं जानते हैं।
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित इस स्वर्गारोहिनी पर्वत का रास्ता बेहद ही दुर्गम है, लेकिन पौराणिक कथाओं के इस चर्चित स्थल पर लोगों की आस्था मुश्किल रास्तों की भी परवाह नहीं करती। यह स्थान अधिकतर समय बर्फ से ढका रहता है। इस स्थल से पंडावों और द्रौपदी के पीछे बस एक कुत्ता ही गया है। इसके बाद इस रास्ते से कोई भी स्वर्ग की ओर नहीं जा सका है, लेकिन मृत्यु के रहस्य व स्वर्ग-नरक के विषय पर खोज करने वाले वैज्ञानिकों के लिए यह स्थल बेहद ही आकर्षण का केन्द्र रहा हैं और आने वाले समय में भी बना रहेगा।