18 दिसंबर को जयपुर में आईपीएल के 12वें संस्करण के लिए खिलाड़ियों की नीलामी का मंच सजा हुआ था। जहां पर सम्मलित हुये कुल 346 खिलाड़ियों की लिस्ट में से 70 लोगों की बोली लगी। लेकिन IPL 2019 की इस नीलामी में दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में दिख रहे थे। और वो थे एक युवराज सिंह, और दूसरा वरुण चक्रवर्ती। युवराज सिंह इसलिए चर्चा में रहे, क्योंकि उनकी नीलामी के लिये कोई खरीददार नहीं खड़ा हो रहा था और वरुण इसलिए चर्चा में रहे कि वो आज तक के सबसे मंहगे बिकने वाले खिलाड़ियों में से एक रहे। क्या आप इस खिलाड़ी के बारें में जानते है?
वरुण चक्रवर्ती नाम का यह स्पिनर गेदंबाजएकदम नया खिलाड़ी है। 20 लाख के बेस प्राइस वाले इस स्पिनर गेंदबाज को किंग्स इलेवन पंजाब ने 8.4 करोड़ रुपए की मोटी रकम में खरीद कर सबको हैरत में डाल दिया। इस सीजन की नीलामी में वरुण चक्रवर्ती और जयदेव उनाडकट सबसे मंहगें बिकने वाले खिलाड़ी रहे हैं। उनाडकट को तो बैसे सब जानते हैं, मगर वरुण के बारें में बहुत कम लोग ही जानते होगें। आइये जानते है वरुण चक्रवर्ती के बारें में। जिनकी कहानी बड़ी दिलचस्प है।
तमिलनाडु के रहने वाले वरुण को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का काफी शौक था 13 साल की उम्र से ही उन्होनें क्रिकेट खेलने की शुरूआत की।जिसमें 17 साल की उम्र तक विकेटकीपिंग की। इसके बावजूद भी उन्हें एज-ग्रुप क्रिकेट खेलने के मौके नहीं मिल रहे थे। जिसके कारण परिवार का दबाव उसकी पढ़ाई को लेकर ज्यादा पढ़ने लगा। सभी ओर से ज्यादा प्रेशर आने के कारण उन्होनें क्रिकेट को छोड़कर पढ़ाई में अपना मन लगाया और आर्किटेक्चर में 5 साल की डिग्री भी हासिल की। इसके बाद वो फ्रीलांस आर्किटेक्ट बनकर काम करने के साथ साथ नौकरी भी करने लगे। लेकिन क्रिकेट का शौक अंदर ही अंदर कुलबुला रहा था। फिर उन्होनें सप्ताह के अंत में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया।
क्रिकेट के शौक के साथ साथ वो टेनिस बॉल से भी खेलते थे. फिर धीरे धीरे क्रिकेट का भूत इतना सवार हो गया कि उन्होनें इसके लिये नौकरी छोड़ने का मन बना लिया। वरुण ने क्रॉमबेस्ट क्रिकेट क्लब जॉइन किया और वहां वो फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर बन गए। लेकिन खेलते वक्त उनके घुटने में काफी गहरी चोट लग गई। जिसके कारण उन्हें आगे खेलने का मौका नहीं मिला। फिर धीरे धीरे दोबारा खेलने का मन बना लिया। घुटनें में ज्यादा दर्द ना हो उसके लिये वो धीमी बॉल डालने लगे। जिसके वाद वो तेज बॉल फेकने की जगह वो एक स्पिनर बन गए। अपनी स्पिन बॉल में इतनी वैरिएशन पैदा कर लीं कि क्रिकेट जगत में उन्हें मिस्ट्री स्पिनर के नाम से जाना जाने लगा। इसके बाद तो वो लेगब्रेक, ऑफब्रेक, गुगली, कैरम बॉल, फ्लिपर, टॉपस्पिनर और स्लाइ़डर जैसे बड़े हथियार अपनी गेंदबाजी में जोड़ते हुये वरूण ने 2017-18 में सिर्फ 7 मैचों में 8.26 के औसत से 31 विकेट ले लिए।
फिर वो मौका आया 27 साल के वरुण के लिये वो खास दिन तब आया जब उन्हें तमिलनाडु प्रीमियर लीग में सीचम मदुरैई पैंथर्स के लिए खेलने का मौका मिला। जिसका उन्हें हमेशा से इंतजार था। मदुरैई की इस टीम के लिए खेलते हुए वरुण ने पावरप्ले और स्लॉग ओवर्स में घातक गेंदबाजी करते हुये16 रन देकर 3 विकेट लिए। और अपनी टीम को फाइनल में जितवा भी दिया।
इस मैच में उनका बेहतरीन प्रदर्शन देखकर ऑस्ट्रेलिया के माइक हसी ने कमेंट्री करते हुए कहा था कि वरुण चक्रवर्ती मं एक अलग तरह का दुर्लभ टैलंट है। वरुण के इस खास टेलेट को देखते हुये चेन्नई सुपर किंग्स और केकेआर के नेट्स में उन्हें बॉलिंग करने के लिए बुलाया गया था। जिसमें उन्होनें काफी सफलता बटोर ली।
इसके बाद वरुण को विजय हजारे ट्रॉफी के लिए तमिलनाडु की 50-ओवरों की टी में खेलने का मौका मिला जहां इस स्पिनर ने 4.23 की इकॉनमी से 9 मैचों में 22 विकेट लिए. इसी से तमिलनाडु की रणजी टीम में पहुचने का दरवाजा खुल गया। एक फेल क्रिकेटर से सबसे महंगे क्रिकेटर बनने तक का ये सफर वरुण के लिये काफी बड़ा कमिटमेंट था जो उन्होंने अपने अनुभव से हासिल किया।