शिव मंदिर में हिंदू लोगों ने मुसलमानो को कराया रोजा इफ्तार

-

रमजान का पवित्र माह चल रहा है। इन दिनों हिंदू लोगों द्वारा दी जा रही इफ्तार पार्टियां दोनों धर्मों के लोगों के आपसी भाईचारे को मजबूत बना रही हैं। इस प्रकार की कई रोजा इफ्तार पार्टियां आपने देखी होंगी या इनके बारे में सुना ही होगा। लेकिन हाल ही में जो इफ्तार पार्टी दी गई है। वह एक शिव मंदिर में दी है। आपको बता दें कि यह रोजा इफ्तार पार्टी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में दी गई है। यह एक प्राचीन शिव मंदिर है। जिसमे हिंदू लोगों द्वारा रोजा इफ्तार पार्टी का  आयोजन किया गया और इस कार्यक्रम में 500 मुस्लमानों ने रोजा इफ्तार किया। खास बात यह है कि रोजा इफ्तार के इस कार्यक्रम में शिया तथा सुन्नी दोनों ही फिरको के मुस्लिम उपस्थित थे।

मनकामेश्वर मंदिर में हुआ रोजा इफ्तार –

मनकामेश्वर मंदिर में हुआ रोजा इफ्तारImage source:

लखनऊ में स्थित यह मनकामेश्वर मंदिर गोमती नदी के तट पर डालीगंज में स्थित है। अब यह लखनऊ का ऐसा पहला मंदिर बन चुका है जहां पर मुस्लिम लोगों का रोजा इफ्तार कराया गया है। मंदिर के आरती स्थल को मुस्लिम लोगों की नमाज अदा करने के लिए सुविधापूर्ण बनाया गया। आपको बता दें कि मनकामेश्वर शिव मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है। इस मंदिर की महंत दिव्यगिरी एक महिला हैं। वर्तमान में चल रहें रमजान के पवित्र माह को देखते हुए दिव्यगिरी ने इस इफ्तार का आयोजन मंदिर परिसर में किया था। मंदिर में रोजा इफ्तार का कार्यक्रम होता देख मीडिया में भी यह काफी वायरल हुआ तथा लोगों ने इस कार्य के प्रति अपने सकारात्मक विचार व्यक्त किये।

महंत दिव्यगिरी ने दी इफ्तार पार्टी –

महंत दिव्यगिरी ने दी इफ्तार पार्टी Image source:

इस अवसर पर मनकामेश्वर मंदिर के महंत दिव्यगिरी ने कहा कि “कई बार मुस्लिम लोग भी कन्या पूजन का आयोजन करते हैं तथा मंगल स्टॉल लगाते हैं। सभी धर्म आपसी भाईचारे का ही संदेश देते हैं। मंदिर के पुजारी हों या मस्जिद के इमाम सभी को अपना अपना काम करना चाहिए तथा उपवास रखने वालों की सेवा करनी चाहिए। यह एक पवित्र कार्य है।” महंत दिव्यगिरी ने आगे कहा कि “हमारे यहां के रसोइयों ने सुबह से ही रोजा इफ्तार की तैयारियां शुरू कर दी थी। हमें इस रोजा इफ्तार में 500 से ज्यादा लोगों के भाग लेने की उम्मीद थी। यह एक ऐतिहासिक आयोजन था”

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments