टार्जन का नाम सुनते ही हमें उस व्यक्ति की याद आती है जो जगंल में रहने से जंगली इंसान बन चुका था। पर यदि वही टार्जन आपको हकीकत की दुनिया में मिल जाये तो इसके लिए आप क्या कहेंगे। आज हम आपको बता रहें हैं एक हकीकत की दुनिया के टार्जन के बारे में..जो गुमनामी और अंधेरे के बीच जंगली दुनिया में अपने पिता के साथ कई सालों से रह रहा था।
जंगल में रहने वाले 44 साल के इस व्यक्ति का नाम है वान लांग और इन्हीं के साथ रह रहे इनके 85 साल के पिता का नाम वान थान्ह है। इन दोनों ने अपनी जिंदगी के 41 साल इन घने जंगलों के बीच रहकर गुजार दिए।
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आखिर जगंल में रहकर क्यों बिताए 41 साल..
बताया जाता है कि 1975 के वियतनाम वार के दौरान सभी लोग अपनी जिंदगी को बचाने के लिए यहां वहां भाग रहे थे। उस दौरान इनके पिता ने अपने 2 साल के बच्चे को बचाने के लिए जंगल की शरण ले ली और वहीं उनका ठिकाना बन गया। इनकी लाइफ आज के समय की फिल्मों की कहानी के समान ही है। इन लोगों ने अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए ट्री हाउस बनाया और तन को ढ़कने के लिए जानवरों की खाल का उपयोग किया। खाने में ये लोग चूहों को मारकर अपना पेट भरते थे। ये बाहरी दुनिया से पूरी तरह से हट चुके थे।
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फोटोग्राफर ने की बाप-बेटों की खोज
गुमनामी के अंधेरों के बीच रहने वाले ये बाप-बेटों की खोज देश के जाने माने फोटोग्राफर अलवारो सिरेजो ने सन् 2013 में की थी, जो जंगल की फोटोग्राफी करने लिए जंगल के अंदर गए थे। इसी दौरान इन दोनों की फोटो भी उनके कैमरे में कैद हो गई। फोटो में उन्होने देखा कि कोई एक जगंली जानवर की तरह दिख रहा था जो उनके लिए अचम्भा था। इसका जानकारी उन्होंने तुरंत वहां के वन अफसरों और वहां के लोगों को दी और सभी ने उन्हें वहां से बाहर निकाला। आज लांग की हरकतें बिल्कुल एक छोटे से बच्चे की तरह है। उसे बाहर का वातावरण काफी अच्छा लग रहा है।
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उन्होंने बताया कि जंगल में 40 साल तक अपने आपको यहां की जिंदगी में ढालने के लिए उन्होंने काफी कठिन परिश्रम करना पड़ा था। जंगल में ही इन्होंने शिकार करने की कला सीखी। जिसमें चूहे असानी के साथ मिलने के कारण ये इनके खाने का हिस्सा बने। इसके अलावा तन को ढ़कने के लिए इन लोगों ने पत्तों या जानवरों की खाल का सहारा लिया। 44 साल के वान लांग अपने 85 साल के पिता हो वान थान्ह के साथ रहकर अपनी जिंदगी के 41 साल इस घने जंगलों में ही बिता दिए हैं।
