महज 6 साल की उम्र से ही जिम्नास्ट की प्रैक्टिस करने वाली दीपा करमाकर ने इस साल आयोजित होने वाले रियो ओलंपिक में अपनी जगह बना ली है। दीपा की उम्र केवल 22 साल की है। इस छोटी सी उम्र में दीपा भारत की पहली ऐसी जिम्नास्ट बन चुकीं हैं, जिसने ओलंपिक में अपनी जगह बनाई है। दीपा ने 52.698 पॉइंट हासिल कर ओलंपिक के मुकाबलों के लिए अपनी दावेदारी तय कर ली है।
इस बात की घोषणा खुद जिम्नास्टिक अधिकारियों ने रविवार को कर दी और कहा कि दीपा का क्वॉलिफाई करना लगभग तय है। बीते साल नवंबर में आयोजित हुए वर्ल्ड जिम्नास्टिक चैंपियनशिप मुकाबले में दीपा ओलंपिक में जगह हासिल नहीं कर सकी थीं।
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दीपा त्रिपुरा की निवासी हैं और 6 साल की उम्र से ही जिम्नास्टिक की प्रैक्टिस कर रही हैं। दीपा के कोच के मुताबिक जब दीपा उनके पास आई थी तो उसके पांव फ्लैट थे। पैरों के फ्लैट होने का मतलब है कि आप कभी एक अच्छे जिमनास्ट नहीं बन सकते। दीपा के पिता स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में कोच थे और वह चाहते थे कि उनकी बेटी जिम्नास्ट बने। दीपा ने अपने पिता का सपना पूरा कर अपने पिता और देश का नाम भी गर्व से ऊंचा कर दिया है।
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दीपा ने पहले भी खेल जगत में नाम कमाया हुआ है। 2014 में हुए राष्ट्रमंडल खेल में दीपा ब्रॉन्ज मेडल पाने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बनी। इतना ही नहीं, साल 2015 में वर्ल्ड जिम्नास्टिक चैंपियनशिप के फाइनल में भाग लेने वाली वह भारत की पहली महिला रहीं।
