इस दुनिया में यूं तो हजारों ऐसी चीजें हैं जो हर किसी को हैरान कर सकती हैं, पर आज हम आपको जो बात बताने जा रहे हैं उसे सुन कर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे। जी हां, स्विट्जरलैंड की एक जानी मानी संस्था वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ने एक रिपोर्ट जारी कर यह बताया है कि पूरी दुनिया की आधी आबादी के पास जितनी संपत्ति है उतनी ही संपत्ति मात्र 62 लोगों के पास है। इतना ही नहीं यह आंकड़ा पिछले 5 सालों में मुकाबले आज काफी ज्यादा ही बढ़ गया है।
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आपको बता दें कि इस रिपोर्ट को ‘ऐन इकॉनमी फॉर 1 पर्सेंट’ का नाम दिया गया है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि इस असमानता का सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं पर ही देखने को मिला है। इस रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में कुछ ही लोगों के पास इतनी संपत्ति एकत्रित होने का मुख्य कारण राष्ट्रीय आय में गरीब लोगों को शामिल ना करना है। इतना ही नहीं ज्यादातर जो देश विकसित हैं उनके मजदूरों और कर्मचारियों की आय में भी काफी कम हिस्सेदारी होती जा रही है। इन सब में महिला वर्कर्स की संख्या सबसे अधिक है, जो कि कम पैसे में भी काम कर रही हैं। जिसके कारण ये असमानता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
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इस रिपोर्ट में उन लोगों के बारे में भी बताया गया है जो कि गरीबी रेखा के नीचे रह रहे हैं। पिछले आकड़ों पर नजर डालें तो अब तक साल 1990 से 2010 तक में इस गरीबी में केवल 50 प्रतिशत का ही अंतर आया है। इस दुनिया के गरीब लोगों की औसत आय में पिछली शताब्दी के मुकाबले 25 सालों में केवल प्रति साल तीन डॉलर की ही बढ़ोत्तरी हुई है।
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वैसे आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड में हो रहे वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने के लिए अर्थव्यवस्थाओं से जुड़े दुनिया भर से कम से कम 40 बड़े नेता आ रहे हैं। यह सम्मेलन 19 से 23 जनवरी तक चलेगा।