हालांकि यह कोई झूठी बात नहीं है बल्कि सच्चाई है कि भारत में रोज 400 से भी ज्यादा लोग बेमौत मारे जाते हैं। जानकारी के लिए हम आपको यह भी बता दें की ये मौत किसी भी प्रकार की बीमारी,लड़ाई-झगड़े या भूख के कारण नहीं होती हैं। इसे हमारे देश का दुर्भाग्य ही कहना चाहिए की यदि आम व्यक्ति सड़क हादसे में मर जाता है तो देश की सरकार उस पर ध्यान नहीं दे पाती है परन्तु वो देश जिनको हम लोग विकसित देश कहते हैं और जिनकी नक़ल करने के लिए हम लोग हर समय आतुर नजर आते हैं उन देशों में आम व्यक्ति की जान की बहुत ज्यादा कीमत होती है। वहां के प्रत्येक व्यक्ति की शिक्षा से लेकर बीमारी तक की जिम्मेदारी सरकार उठती है। देखा जाए तो अपने देश का सिस्टम भी कुछ वैसा ही है परन्तु जमीनी स्तर पर सब खोखला ही दिखाई देता है।
यह अपने देश के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है जिसमें हर रोज कोई मां अपना बेटा खो देती है तो कोई पत्नी अपना पति और कहीं कहीं तो सारा परिवार एक साथ ही उजड़ जाता है। क्या आप जानते हैं इन सारी दुर्घटनाओं के पीछे की वजह क्या है, वजह एक ही है – रोड एक्सीडेंट।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें की सरकार ने अपने आंकड़े जारी किये हैं जिसके अनुसार 2015 में लगभग 400 मौत रोज़ रोड एक्सीडेंट की वजह से हुई थी। सड़क और परिवहन, राजमार्ग मंत्रालय की और से यह आकड़ा राज्य सभा में पेश किया गया था। इस आकड़े के अनुसार सन 2015 में 1,46,133 लोगों की मौत सड़क हादसे में हुई पर सन 2014 में यह आकड़ा 1,39,671 लोगों की मौत का था, इसका मतलब सिर्फ एक वर्ष में यह आकड़ा 4.6 फीसदी बढ़ गया है।
यदि पिछले एक दशक की बात करें तो 1 करोड़ 3 लाख लोग सिर्फ सड़क हादसे में ही मारे गए हैं परन्तु अभी तक सड़क सुरक्षा को लेकर कोई व्यापक कानून नहीं बन पाया है।