दिल दहला देने वाली यह घटना उज्जैन-आगरा रोड की है, जहां हुए एक सड़क हादसे में एक ही घर के 10 लोगों मौत के साये में आकर हमेशा के लिये सो गये, लेकिन जीवित रह गया एक मासूम बच्चा। अब वह इन 10 अर्थियों के बीच अपने मम्मी पापा को पथराई हुई नजरों से ढूंढ़ रहा है। इस बच्चे के पैर में ज्यादा चोट लग जाने के कारण इसे इसके मां-बाप के अंतिम संस्कार में नहीं ले जाया गया।
इंदौर के महिदपुर में बीते शनिवार के दिन एक घर से साथ उठी इन 10 अर्थियों को देख पूरा शहर शोक में डूब गया। जहां-जहां से ये अर्थियां गुजरीं वहां-वहां के लोगों ने इन्हें अपनी नम आंखों से विदा करते हुये अंतिम विदाई दी। लोगों ने शोक में अपनी-अपनी दुकानें बंद कर दी। पूरा शहर इस दर्दनाक घटना के मातम से डूब गया।
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बताया जाता है कि महिदपुर में रहने वाले किराना व्यापारी विनोद पालीवाल के परिवार के 10 लोग एक जीप में सवार होकर सिंहस्थ कुंभ देखने उज्जैन जाने के लिये रवाना हुए थे। तभी पलवा गांव के पास पहुंचने पर एक डंपर से इनकी जीप की टक्कर हो गई। दोनों के बीच हुई टक्कर इतनी दर्दनाक थी कि जीप का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से आगे की सीट पर बैठे लोग बुरी तरह घायल होकर सीट पर ही चिपके रह गए। जिन्हें कार की बॉडी कटर से काटकर बाहर निकाला गया। इनमें से 5 लोगों की मौत तुरंत ही हो गई थी, जबकि 5 ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस हादसे में 4 साल का कान्हा ही जीवित बचा है।