सरकारी स्कूल की बदहाली के किस्से आये दिन सुनने को मिल ही जाते है। जहां पर कभी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षको के ज्ञान को लेकर तो कभी स्कूल की बदहाली हालत को देखकर पर दोनो के बीच पीस रहा है हमारे देश का भविष्य जिसका हाल अभी आये परिणामों के तहत देखने को भी मिला। हिमाचल प्रदेश बोर्ड ने अभी हाल के दिनों में ही दसवीं और बारहवीं बोर्ड के परिणाम घोषित किये है जिसमें हैरानी की बात तब देखने को मिली जब दसवी का एक भी बच्चा पास नहीं हुआ । य़ह आंकड़ा किसी एक सरकारी स्कूल का नहीं बल्कि 16 सरकारी स्कूलों का है। इतना ही नहीं इन सरकारी स्कूलों में पास होने वाले विद्यार्थी की संख्या 20 % से भी कम बताई जा रही हैं।
बताए गए आकंड़ो के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सरकारी हाई स्कूलों की संख्या 3,511 है और कक्षा दसवीं में टॉप करने वाले विद्यार्थी सभी प्राइवेट स्कूलों से हैं और इनमें से भी लड़कियों ने लड़कों की तुलना में बेहतर परफॉर्म किया है.
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हिमाचल प्रदेश बोर्ड से 12वीं की परीक्षा देने वाले सरकारी स्कूलों की स्थिति काफी निराशाजनक रही है। जो वहां के लिये एक सवाल बन चुका है और इन्ही हालातों को देखते हुये हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) पी सी धीमान ने इस बिगड़ते हालात का जवाब मांगा है।
यदि बात की जाये तो ये समस्या किसी एक राज्य से संबंधित नहीं है हर राज्यों में शिक्षको की लापवाही और ज्ञान कौशल की कमी की वजह से आज देश का भविष्य एक खतरनाक मोड़ पर खड़ा है ।