जब थर्मामीटर में पारे की बजाय किया शराब का इस्तेमाल

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इस बात में कोई दोराय नहीं है कि किसी भी देश की प्रगति में वैज्ञानिकों का बहुत बड़ा हाथ होता है। दुनिया में कुछ वैज्ञानिक ऐसे भी है जो दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ कर गए है। अगर आज हम बुखार का थर्मामीटर से सही अंदाजा लगा पाते है तो उसका श्रेय डैनियल गैब्रियल फैरेनहाइट को जाता है। आज इनकी बदौलत ही हम अपने तपते बदन के तापमान को नाप पाते है। इन महान पुरुष ने ही मर्करी थर्मामीटर को बनाने का जिम्मा पूरा किया था। आपको बता दें कि डैनियल का जन्म 24 मई 1686 में हुआ था।

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दुनिया में हमेशा से कुछ ऐसे लोग रहे हैं जिनके होने और न होने से इस दुनिया में बहुत फर्क पड़ जाता। आज यदि किसी के तपते बदन का हम सही-सही अंदाजा लगा पाते हैं तो उसके लिए हमें डैनियल गैब्रियल फैरेनहाइट का शुक्रिया अदा करना चाहिए। इन्होंने ही मर्करी थर्मामीटर को बनाने का काम किया था। वे 24 मई की तारीख को साल 1686 में पैदा हुए थे।

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1. शुरुआत में थर्मामीटर में पारे की जगह शराब का इस्तेमाल किया गया।

2. उन्होंने डेनमार्क के एस्ट्रोनॉमर ओलॉस रोमर के अल्कोहल थर्मामीटर से प्रेरणा ली।

3. उनका एक इंडियन कनेक्शन भी है। अप्रेंटिसशिप में हिस्सा लेने की वजह से उन्हें भारत निर्वासित किया जाने वाला था।

4. उन्होंने 18 साल तक थर्मामीटर बनाने की प्रक्रिया को गोपनीय बनाए रखा था।

5. साल 2012 में क्रिस्टीज में नीलामी के दौरान उनके बनाए गए शुरुआती थर्मामीटर को $1,07,802 में खरीदा गया।

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