सूखे पर राजनीति- यूपी सरकार को केंद्र की भेजी हुई वॉटर ट्रेन पर ऐतराज

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बुंदेलखंड की सूखे की समस्या ने राजनीतिक रूप अख्तियार कर लिया है। बुंदलेखंड के 40 गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। इसके बावजूद नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने से बाज नहीं आ रहे। दरअसल पानी की परेशानी और सूखे से जूझ रहे बुंदेलखंड के लोगों के लिए केंद्र सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन वॉटर ट्रेन भेजी है, लेकिन इसको लेकर यूपी सरकार की नाक आड़े आ रही है। जिसके चलते सरकार ने वॉटर ट्रेन को लेने से साफ इनकार कर दिया है। बुंदेलखंड के हालात इतने खराब होने के बावजूद पानी से भरी ट्रेन झांसी के रेलवे स्टेशन पर खड़ी है। राज्य सरकार से डीएम को निर्देश मिले हैं कि वो रेलवे को सूचित कर दे कि उन्हें वॉटर ट्रेन नहीं चाहिए।

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इस मुद्दे पर यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन का कहना है कि यूपी सरकार ने पानी के पुख्ता इंतजाम किए है। जहां भी पानी की जरूरत है वहा पानी के टैंकर पहुचाए जा रहे हैं। इसलिए उन्हें केन्द्र की भेजी मदद की जरूरत नहीं है। आपको बता दें ये वॉटर ट्रेन राज्य सरकार के बिना मांगे ही भेजी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने रेल मंत्रायल को एक पत्र भेजा है जिसमें लिखा है कि “हमारे यहां लातूर जैसी कोई समस्या नहीं है, यदि हमें पानी की जरूरत पड़ी तो हम रेलवे को सूचित करेंगे।”
वहीं इन सब को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि 2017 में यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में शायद श्रेय हासिल करने के चक्कर में यूपी सरकार केंद्र की मदद नहीं लेना चाह रही, जबकि बुंदेलखंड के हालात वाकई गंभीर हैं। हालांकि सूखे के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी ने 7 मई को बैठक बुलाई है जिसमें सीएम अखिलेश यादव भी शामिल होंगे।

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वहीं, पानी की ट्रेन के मुद्दे पर यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार के नेता शिवपाल सिंह का कहना है कि “बुंदेलखंड में पानी की कमी नहीं है। पानी को रखने की भी व्यवस्था कर दी है। अब केंद्र का भेजा पानी कहां रखा जाएगा? पानी की जरूरत होने पर हम सूचित कर देंगे।”
इस मामले पर कांग्रेस सांसद राज बब्बर का कहना है कि “पानी पर राजनीति करना उचित नहीं है, जनता तक पानी ना पहुंचाना पाप है।” जिस पर पलटवार करते हुए सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि “केंद्र सरकार पानी के नाम पर मजाक कर रही है, उसे ये कदम उठाने से पहले राज्य सरकार से राय लेनी चाहिए थी। वहां पानी के अलावा दूध और खाने की भी कमी, वो क्यों नहीं भेजा केंद्र सरकार ने?”

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आपको बता दें कि केंद्र की ओर से पहला बयान जल संसाधन मंत्री उमा भारती का जारी हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा कि “बुंदेलखंड के लोग भूखे प्यासे हैं, यहां तक कि वहां जानवर भी पानी के संकट के चलते मर रहे है। यूपी सरकार को घमंड नहीं दिखाना चाहिए या तो यूपी सरकार वहां पानी पहुंचाए या फिर हमारा पानी उन तक पहुंचाए।”

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