उम्र के हिसाब से कितनी बार यौन संबंध बनाना रहता हैं नार्मल व सेफ, आईये जानते हैं

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एक व्यक्ति को कितनी उम्र तक यौन संबंध बनाने चाहिए इसका कोई नियम नहीं हैं, पर हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आये नतीजों से इस सवाल का जवाब मिल रहा हैं। देखा जाए तो शारारिक संबंध बनाना किसी भी व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता हैं लेकिन हम आपको बता दें कि हालही में किन्जी इंस्टीट्यूट ऑफ रीसर्च इन सेक्स, रीप्रोक्शन ऐंड जेंडर द्वारा की गई रिसर्च में यह खुलासा हुआ हैं कि उम्र के हिसाब से लोगों को कितनी बार यौन संबंध बनाना सामान्य रहता हैं।

आज इस खबर में आपके सामने इस रिसर्च के नतीजों को रखा जा रहा हैं ताकि आप भी जान सकें कि वैज्ञानिकों और शरीर क्रिया विज्ञान की दृष्टि से किस उम्र में कितनी बार शारारिक संबंध बनाना सही और सुरक्षित रहता हैं।

यौन संबंधImage Source: 

जानें किस उम्र में कितनी बार बनाने चाहिए संबंध –

किन्जी इंस्टीट्यूट ऑफ रीसर्च इन सेक्स, रीप्रोक्शन ऐंड जेंडर की रिसर्च में जो खुलासा हुआ वह काफी रोचक रहा। रिसर्च में पाया गया कि 18 से 29 वर्ष की अवस्था में लोग करीब 112 बार प्रतिवर्ष की दर से शारारिक संबंध बनाते हैं। वहीं 30 वर्ष से 39 वर्ष की उम्र वाले लोग 86 बार प्रतिवर्ष की दर से सेक्स करते हैं। 40 से 49 वर्ष की अवस्था वाले लोगों में यह दर 69 बार प्रतिवर्ष पाई गई।

इस रिसर्च में 13 प्रतिशत जोड़ो के आंकड़े हैरानी भरे रहें। असल में रिसर्च में पाया गया कि 13 प्रतिशत जोड़ो में शादी के महज एक वर्ष बाद यौन संबंधो की दर बहुत ज्यादा कम हो गई थी। इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि 45 प्रतिशत जोड़े ऐसे भी हैं जो एक महीने में कुछ ही दिन शारारिक संबंधो को देते हैं।

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यह हैं सही बात –

रिसर्च में माना गया कि शादी के बाद सेक्स की गिरती दर का कारण व्यक्ति पर जिम्मेदारियों का बोझ होता हैं। यही कारण हैं कि शादी के बाद जिम्मेदारी बढ़ने से यौन क्रिया में अरुचि की दर बढ़ जाती हैं। एक्सर्ट का यह भी मानना हैं कि शादी के बाद बीमारियों के बढ़ने की क्रिया में भी तेजी आ जाती हैं जिसके कारण यौन क्रिया में अवरोध आने लगता हैं।

रिसर्च में 34 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने स्वीकारा किया कि वह हफ्ते में 2 से 3 बार यौन क्रिया करते थे। आपको बता दें कि आप ऊपर दिए नतीजों को देख कर बिल्कुल न घबराये। यौन संबंध का मतलब अपने साथी के साथ अच्छा समय बिताना होता हैं और जब आप और आपका साथी एक दूसरे से संतुष्ट होते हैं तब यह फर्क नहीं पड़ता की आपके यौन संबंध बनाने की फ्रीक्वेंसी क्या हैं।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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